जीवन बीमा (लाइफ इंश्योरेंस) एक तरह का कौन्ट्रेक्ट है जिसमें बीमाधारक की मृत्यु के बाद परिवारजन या आश्रितों को कवर की राशि मिलती है. जीवन बीमा दो तरह के होते हैं- एक तो पूरे जीवन के लिए और एक टर्म इंश्योरेंस. टर्म इंश्योरेंस में प्रीमियम कम होता है क्योंकि इसमें शुद्ध रूप से लाइफ कवर मिलता है बिना किसी बचत और प्रोफिट के. होल लाइफ पौलिसी में पूरे जीवन का कवर मिलता है. इसलिए, इसकी मेच्योरिटी निर्धारित नहीं होती है. बीमाधारक को मृत्यु तक प्रीमियम भरना होता है और उसकी मृत्यु के बाद उसके परिवार को राशि मिल जाती है.
फंड को चुनने के अलावा इसके कई और पहलू भी हैं जिनका आपको ध्यान होना चाहिए.
परिपक्वता अवधि
इंश्योरेंस पौलिसी खरीदने का मतलब है कि आप अनुबंध या कौन्ट्रेक्ट से सहमत हैं. आप पौलिसी खरीदते समय अपनी सहमति देते हैं. यदि आपने पौलिसी खरीदते समय मेच्योरिटी डेट से सहमत हो गए हैं तो आप बाद में इसमें बदलाव नहीं कर सकते हैं. उदाहरण के तौर पर, यदि आपने 60 साल का प्लान लिया है, तो आप मेच्योरिटी डेट में बदलाव नहीं कर सकते हैं. आप 80 साल के लिए आपको दूसरा कवर ही लेना पड़ेगा.
इंश्योरेंस कंपनी से लोन
आप इंश्योरेंस कंपनी से लोन भी ले सकते हैं. इस लोन पर ब्याज दर क्या लगेगी यह इस पर निर्भर करता है कि आप लोन कब लेते हैं. ये ब्याज दर एक इंडेक्स पर निर्भर है. उदाहरण के तौर पर, बैंकों द्वारा निर्धारित 10 साल की जी-सेक या बेस इंटरेस्ट रेट बीमा नियामक विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) द्वारा अप्रूवल की गई होती है. बीमाकर्ता द्वारा यह अलग-अलग हो सकती है.
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