जून का दूसरा पखवाड़ा शेयर बाजार के लिए उत्साहवर्द्धक रहा. 4 सप्ताह बाद पहली बार 20 जून को समाप्त हुए सप्ताह के सभी सत्रों में बाजार तेजी पर बंद हुआ. इस से पहले लगातार 3 सप्ताह तक बाजार में गिरावट का माहौल रहा जिस से बाजार में जम कर बिकवाली हुई और निवेशकों में जबरदस्त निराशा का माहौल रहा. इस अवधि में बौंबे स्टौक एक्सचेंज यानी बीएसई का सूचकांक 26 हजार अंक के मनोवैज्ञानिक अंक से नीचे उतर आया था. इसी बीच अमेरिका में केंद्रीय बैंक की दरों में बढ़ोत्तरी नहीं करने के फैसले, मानसून के पहले के अनुमान के उलट बेहतर रहने की उम्मीद, न्यूनतम समर्थन मूल्य के बढ़ने और औद्योगिक आंकड़े के बेहतर रहने तथा रुपए की सेहत में सुधार की बदौलत बाजार में रौनक लौट आई और लगातार 3 सप्ताह तक गिरावट से रूबरू हो कारोबारियों के चेहरों पर मुसकान लौटी. इस दौरान बाजार पहले 2 सप्ताह और फिर 4 सप्ताह के उच्चतम स्तर पर बंद हुआ. इस अवधि में वैश्विक बाजारों में नकारात्मकता देखने को मिली. रुपया भी अचानक मजबूत स्थिति में लौट आया, मानसून के पहले के अनुमान में बदलाव आ गया और इस से बाजार की स्थिति सुलट गई व सूचकांक एकाएक कुलांचें भरने लगा. जानकारों का मानना है कि बाजार की स्थिति फिलहाल अच्छी है, इसलिए सूचकांक के तेजी पर रहने का अनुमान है.