सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के मुताबिक 31 अगस्त को 50 लाख के करीब केंद्रीय कर्मचारियों के खाते में बढ़ा हुआ वेतन और सात महीने का बकाया आएगा. सरकार ये भी कोशिश में है कि 50 लाख के करीब पेंशनर्स को भी नई व्यवस्था के हिसाब से बढ़ा हुआ पेंशन और बकाया पहली सितम्बर तक मिल जाए.

केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनधारकों के लिए सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें पहली जनवरी से लागू मानी गई है. हर दस साल के बाद लागू होने वाली नयी वेतन व्यवस्था में केंद्रीय कर्मियों के मूल वेतनमान में 14.2 फीसदी से 23.4 फीसदी के बीच बढ़ोतरी है. हालांकि अभी तमाम भत्ते पुरानी व्यवस्था के हिसाब से ही मिलते रहेंगे, क्योंकि इनमें फेरबदल पर सुझाव देने के लिए एक कमेटी का गठन किया गया है जिनकी सिफारिशें आने के बाद ही इस बारे में कोई फैसला होगा.

नए मूल वेतन में महंगाई भत्ते को मिला दिया गया है. दूसरे शब्दों में कहें तो नए वेतनमान में महंगाई भत्ता शून्य हो गया है. महंगाई भत्ते में हर साल दो बार फेरबदल होता है, एक, पहली जनवरी से और दूसरा पहली जुलाई से. पहली जनवरी से लागू होने वाले महंगाई भत्ते में फेरबदल का ऐलान आम तौर पर होली के समय और जुलाई वाले का दुर्गापूजा के ऐन पहले होता है. अब उम्मीद है कि अगले महीने नए महंगाई भत्ते का ऐलान कर दिया जाए जिससे त्यौहारों के समय कर्मचारियों को अतिरिक्त पैसा मिल सके.

वैसे तो केंद्रीय कर्मियों को सात महीने का एकमुश्त बकाया दिया जा रहा है, लेकिन छठे वेतन आयोग से तुलना करे तो बकाया काफी कम बनता है. चूंकि छठे वेतन आयोग की रिपोर्ट आने और सिफारिशों पर अमल आने में दो साल से भी ज्यादा का वक्त लग गया था, इसीलिए केंद्रीय कर्मियो को लाखों रुपये बकाया मिले थे.

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