टैक्सी सेवा प्रदाता कंपनियां पिछले दिनों राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली तथा आसपास के क्षेत्रों में टैक्सी ड्राइवरों की आपराधिक वारदात के कारण चर्चा में रही हैं. दिल्ली के लोगों के लिए, खासकर महिला सुरक्षा के लिए टैक्सियों का सफर खतरनाक सेवा के रूप में सामने आया था. टैक्सियों में छेड़छाड़ की घटनाओं के बढ़ने से टैक्सी महिलाओं के लिए अत्यधिक असुरक्षित सेवा मानी जाने लगी थी लेकिन ओला जैसी कंपनियों ने अपनी सेवाओं में तरहतरह के तकनीकी सुधार कर के ग्राहकों का भरोसा जीतने का प्रयास किया था. इस क्रम में टैक्सी सेवा प्रदाता ओला ने 2 करोड़ डौलर खर्च कर टैक्सी सेवा में सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ाने का फैसला किया.
इस निधि का इस्तेमाल ओला टैक्सी द्वारा यात्रियों की सुरक्षा के उपाय पर खर्च किया जाएगा. यात्री सुरक्षा के लिए ओला टैक्सी के ड्राइवर के मोबाइल पर सब से पहले ऐसा मास्क लगाया जाएगा कि टैक्सी ड्राइवर ग्राहक से बात तो कर सकेगा लेकिन उसे ग्राहक का मोबाइल नंबर नहीं दिखाई देगा. उस से अपराधी अथवा शातिर ड्राइवर मोबाइल नंबर का इस्तेमाल आपराधिक वारदात के लिए नहीं कर सकेगा और न ही वह ऐसी प्रकृति के किसी अपराधी को ग्राहक का मोबाइल नंबर दे सकेगा. कंपनी का कहना है कि इस से ग्राहक की निजता की सुरक्षा के संरक्षण के साथ ही ड्राइवर पर बराबर नजर भी रखी जा सकेगी. ड्राइवर की बातचीत और उस के व्यवहार पर ओला प्रशासन की नजर होगी और साथ ही, ड्राइवर की मोबाइल कौल पर खर्च होने वाले पैसे को भी बचाया जा सकेगा. कंपनी का कहना है कि उसे अगले वर्ष मार्च तक टैक्सी सेवा में सुधार के लिए 2 करोड़ डौलर यानी करीब 135 करोड़ रुपए खर्च करने हैं.
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