सरकार ने चैकबुक को हिंदी और अंग्रेजी में छापने और ग्राहकों को भी चैकों को हिंदी या संबंधित क्षेत्रीय भाषा में लिखने का ऑपशन देने का प्रस्ताव रखा है. वित्त राज्यमंत्री संतोष कुमार गंगवार ने लोकसभा में विनोद लखमाशी चावड़ा और डी एस राठौड़ के प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक ने ग्रामीण जनसंख्या को सरलता से समझाने के लिए अन्य बातों के साथ-साथ, बैंकिंग क्षेत्र में क्षेत्रीय भाषाओं के प्रयोग को बढ़ावा देने के कई निर्देश जारी किये हैं.

उन्होंनें कहा कि बैंकिग सुविधाएं देश की जनसंख्या के बड़े तबके तक पहुंचाने के लिए बैंकों को खाता खोलने वाले फॉर्म, जमा पर्ची, पासबुक समेत ग्राहकों द्वारा इस्तेमाल प्रिंटिड मैटिरियल को अंग्रेजी, हिंदी और संबंधित क्षेत्रीय भाषा में उपलब्ध कराना चाहिए. मंत्री ने कहा कि सभी चैक फॉर्म को हिंदी और अंग्रेजी में प्रिंट किया जाना चाहिए. ग्राहक चैकों को हिंदी, अंग्रेजी या संबंधित क्षेत्रीय भाषा में लिख सकते हैं.

अन्य निर्देशों में गंगवार ने बताया कि सभी पटलों पर अंग्रेजी, हिंदी के साथ-साथ कि ग्राहकों के साथ पत्राचार समेत ग्राहकों के साथ बैंकों द्वारा कारोबार करने में हिंदी और क्षेत्रीय संबंधित क्षेत्रीय भाषा में साइन बोर्ड को प्रदर्शन करना शामिल है. इसमें कहा गया भाषाओं का उपयोग किया जाएगा.

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