मोबाइल फोन का प्रचलन हमारे यहां जिस कदर बढ़ रहा है वह किसी क्रांति से कम नहीं है. हर हाथ पर मोबाइल है और हर नई तकनीक को अपनाने के लिए उपभोक्ता लालायित हैं. मोबाइल फोन उपकरण निर्माता कंपनियां भी तेजी से उभर रही हैं और भारी कंपीटिशन के बीच नईनई कंपनियां अत्याधुनिक तकनीक अपना कर स्थापित उपकरण निर्माता कंपनियों को चुनौती दे कर उन्हें पछाड़ रही हैं. बाजार में मोबाइल फोन निर्माता कंपनियों और सेवा प्रदाता कंपनियों, दोनों की भीड़ है और उपभोक्ता के समक्ष हर दिन नए विकल्प पेश किए जा रहे हैं. भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण यानी ट्राई भी उपभोक्ताओं के हितों के लिए अच्छा काम कर रहा है. वह मुनाफा कमाने वाली कंपनियों के शोषण से उन्हें बचाने के लिए प्रयासरत है. मोबाइल कौल की कीमतें नियंत्रण में हैं. ट्राई की सख्ती के बावजूद कंपनियां ग्राहक को चंगुल में लेने से बाज नहीं आती हैं.

बहरहाल, ट्राई की बदौलत करीब 2 साल पहले उपभोक्ताओं को मनचाहे सेवा प्रदाता का चयन करने की छूट नंबर बदले बिना मिली है और इस पोर्टेबिलिटी सुविधा का लाभ अब तक लाखों उपभोक्ता बिना नंबर बदले उठा रहे हैं. अब सरकार की योजना आप का मोबाइल नंबर स्थायी रखने की है. मतलब कि आप देश में कहीं भी जाएं, मोबाइल नंबर बदलने की जरूरत नहीं रहेगी. शायद नए वित्त वर्ष से सरकार की यह योजना शुरू हो जाएगी. दूसरा फायदा उन सभी लोगों को होगा जो नौकरीपेशा हैं जिन के और दूसरे राज्यों में ट्रांसफर होते रहते हैं.

मतलब यह हुआ कि उपभोक्ता ने जो मोबाइल नंबर एक बार ले लिया है वह उस के लिए अमिट बन जाएगा और उसे जीवन में मोबाइल नंबर बदलने की जरूरत नहीं पड़ेगी. यह अच्छा प्रयास है और उस का सभी को स्वागत करना चाहिए, अच्छी बात यह है कि नंबर पर राष्ट्रीय पोर्टेबिलिटी निर्धारित सीमा के भीतर करनी पड़ेगी.

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