वैश्विक स्तर पर सकारात्मक रुख के बीच शेयर बाजार में उत्सव का माहौल बना हुआ है. शेयर सूचकांक 26 मार्च को रिकौर्ड 22096 अंक पर बंद हुआ और रुपया भी मजबूती की तरफ छलांग लगाते हुए 8 माह के उच्च स्तर पर पहुंचने के 2 दिन पहले 22055 अंक पर पहुंचा था. इस की वजहें महंगाई के आंकड़े में गिरावट, रुपए की स्थिति में लगातार सुधार की प्रक्रिया, निर्यात के आंकड़े में बढ़ोतरी, चालू खाता घाटा कम होने के साथ ही आने वाले दिनों में स्थायी सरकार की उम्मीद बताई जा रही हैं.
चुनावी शोरशराबे के बीच शेयर बाजार सूचकांक ने 28 मार्च को फिर लगातार 5वें दिन ऊंचाई की तरफ छलांग लगाई और सूचकांक 125 अंक उछल कर 22340 अंक के नए स्तर पर पहुंच गया. निफ्टी भी पहली बार 6696 अंक के स्तर पर बंद हुआ. यह कमाल रुपए की स्थिति में हुए सुधार की वजह से हुआ. रुपया 8 माह में पहली बार 60 रुपए प्रति डौलर के स्तर से नीचे उतरा और 60 रुपए प्रति डौलर की दर से कम पर बंद हुआ.
वित्त वर्ष की समाप्ति के सत्र पर बाजार 47 अंक उछाल के साथ रिकौर्ड 22386 अंक तक पहुंचा और नए वित्त वर्ष 2014-15 की शुरुआत भी लंबी छलांग के साथ लगाई व बाजार सर्वाधिक 22447 अंक पर जा कर टिक गया. बाजार नए वित्त वर्ष के दूसरे सत्र में भी नहीं रुका और 150 अंक उछल कर इतिहास में सर्वाधिक स्तर पर बंद हुआ.
नए वित्त वर्ष के तीसरे कारोबारी दिन बाजार को विदेशों से मिले हलके संकेत के कारण बाजार को धक्का लगा और 10 दिन की लगातार तेजी के बाद बाजार की तेजी थम गई. आखिर नए वित्त वर्ष का पहला सप्ताह रिकौर्ड तेजी के बाद हलके झटके के साथ बंद हो गया.

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