बचत खाते से लेकर सिप तक, बैंक आपको तमाम तरह की सुविधाएं मुहैया करवाते रहते हैं. दूसरे बैंकों से बेहतर ब्याज दर की पेशकश और अन्य फायदों का हवाला देते हुए बैंक ज्यादा से ज्यादा ग्राहकों को खुद से जोड़ने की कोशिश में लगे रहते हैं, लेकिन बेहद कम लोग ही यह बात जानते हैं कि बैंक की कोई भी सेवा निशुल्क नहीं होती है. आपको बता दें कि एटीएंम फीस से लेकर बैंक में खाता बंद करवाने पर भी आपको बैंक चार्ज देना होता है. हालांकि आप अगर कुछ सावधानी बरतें तो आप बैंक के कुछ चार्ज से बच सकते हैं. हम अपनी खबर के माध्यम से इन्हीं तरीकों के बारे में बताने की कोशिश करेंगे.
बैंकिंग फीस : बैंक में नया खाता खोलने से पहले एक बार बैंकिंग फीस जरूर जान लें. मसलन बैंकिंग फीस में बैलेंस फीस, सेविंग एकाउंट से जल्दी पैसे निकालने पर लगने वाली फीस, एटीएम कार्ड का इस्तेमाल आदि. इन सभी शुल्क को ध्यान में रखने पर पैसों की बचत की जा सकती है.
एटीएम फीस : जानकारी के लिए बता दें कि किसी और बैंक का एटीएम कार्ड किसी अन्य बैंक में इस्तेमाल करने पर एटीएम सेवा प्रदाता और आपका बैंक दोनों अतिरिक्त शुल्क चार्ज कर सकते हैं. देश में बीते वर्ष आठ नवंबर को नोटबंदी लागू होने के बाद अधिकांश बैंक सीमित नकद निकासी संख्या के बाद शुल्क वसूल रहे हैं. इस तरह छोटे-छोटे चार्जेज सालाना आधार पर हजारों रुपये बन जाते हैं जिन्हें आप जरा सी सावधानी से बचा सकते हैं.
खाता बंद करने पर : बैंक में खाता बंद करने से पहले एक बार चार्जेस चेक कर लें. कुछ बैंक तय समय से पहले खाता बंद करने पर क्लोजर फीस लेते हैं.