सरकार नकदी के प्रचलन को कम कर के औनलाइन भुगतान को बढ़ावा देने पर जोर दे रही है और उस के लिए उस ने भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) का गठन कर अपने मजबूत इरादों को भी जाहिर कर दिया है. इस निगम ने अपना काम परीक्षण के तौर पर आरंभ भी कर दिया है. एनपीसीआई का गठन सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक की पहल पर शुरू किया है. एनपीसीआई के जरिए बिजली, पानी, गैस, टैलीफोन, मोबाइल, डीटीएच जैसी सेवाओं के बिल का भुगतान होगा.
एनपीसीआई द्वारा यह भुगतान इलैक्ट्रौनिक तरीके से किया जाएगा. एनपीसीआई ने सेवा को प्रभावी बनाने के लिए सरकारी तथा निजी क्षेत्र के कई बैंकों के साथ समझौता किया है. बैंकों के अलावा कुछ वित्तीय संस्थाओं के साथ भी इस मामले में सहयोग लेने पर विचार किया जा रहा है और इस संदर्भ में परीक्षण भी किया जा रहा है. इस से साफ अनुमान लगाया जा सकता है कि एनपीसीआई देश में एक ही स्थान पर सभी बिलों के भुगतान का एक बड़ा केंद्र बनेगा. नकदी के बोझ तथा उस को ले कर जाने के जोखिमों को देखते हुए इस तरह की प्रणाली का सरकारी स्तर पर संचालन अच्छी पहल है, इस से ग्राहक में भुगतान को ले कर ज्यादा निश्ंिचतता रहेगी और वह झंझट से भी बच जाएगा. औनलाइन भुगतान की सुविधा आज भी मौजूद है लेकिन एनपीसीआई की सक्रियता से इस प्रणाली को विश्वसनीयता, मजबूती और एक ही केंद्र मिल जाएगा जहां ज्यादा लोग अपनी जरूरी उपयोग की सेवाओं के बिलों का आसानी से भुगतान कर सकेंगे.
अच्छी बात यह है कि एनपीसीआई देश के महानगरों से ले कर छोटेछोटे शहरों में पहुंच कर लोगों को यह सुविधा देगा. दूसरी लोकप्रियता के लिए जरूरी है कि लोगों की शिकायत का निस्तारण व्यवस्थित हो.
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