प्रॉविडेंट फंड यानी पीएफ रिटायरमेंट के बाद की जरूरतों को पूरा करने के लिए होता है. लेकिन अक्‍सर करियर के शुरूआती दौर और उम्र के मध्य में प्रॉविडेंट फंड को लेकर ऐसी गलतियां करते हैं जिससे उनकी पूरी रिटायरमेंट प्‍लानिंग बरबाद हो जाती है. बाद में समय कम होने के कारण इस नुकसान की भरपाई संभव नहीं हो पाती है. हम आपको पीएफ से जुड़ी 5 गलतियों के बारे में बता रहे हैं जो बाद में आपको नुकसान पहुचा सकती हैं.

नौकरी बदलने पर पीएफ निकालना

अक्‍सर कैरियर के शुरूआती दौर में लोग जल्‍दी जल्‍दी नौकरियां बदलते हैं. सोच यह होती है कि जिम्‍मेदारियां बढ़ने से पहले करियर में बेहतर पैकेज और ग्रोथ हासिल कर ली जाए. इस प्रक्रिया में अक्‍सर युवा या मध्यम उम्र के लोग अपना पीएफ निकाल लेते हैं. इस गलती का अहसास बाद में होता है. क्‍योंकि रिटायरमेंट प्‍लानिंग में इसकी भरपाई मुश्किल होती है.

समय से पीएफ ट्रांसफर न कराना

नौकरी बदलने पर कर्मचारियों के पास पीएफ अकाउंट ट्रांसफर कराने का विकल्‍प होता है लेकिन अक्‍सर लोग समय पर पीएफ अकाउंट ट्रांसफर कराने में लापरवाही करते हैं. ऐसे में नई कंपनी उनका नया पीएफ अकाउंट खुलवा देती है. कई पीएफ अकाउंट हो जाने से कर्मचारी को पीएफ रकम पर कंपाउंडिंग का फायदा उस तरह से नहीं मिल पाता है जिस तरह से एक ही पीएफ अकाउंट रहने पर मिलता.

घर और दूसरी जरूरतों के लिए पीएफ का यूज

ईपीएफओ अपने मेंबर्स को घर खरीदने और मेडिकल इमरजेंसी जैसी जरूरतों के लिए पीएफ का एक हिस्‍सा निकालने की अनुमति देता है. आप इस सुविधा का यूज कर अभी की जरूरतें तो पूरी कर सकते हैं लेकिन इससे आपका प्रॉविडेंट फंड रिटायरमेंट के बाद की जरूरतों को पूरा करने के लायक नहीं होगा.

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