मौजूदा केंद्र सरकार सौर ऊर्जा को विशेष महत्त्व दे रही है और शुरू से ही वह इस दिशा में निरंतर काम भी कर रही है. सौर ऊर्जा पार्क विकसित करने तथा सौर ऊर्जा के वैश्विक चैंपियन जरमनी से इस दिशा में विशेषज्ञता हासिल करने जैसे कदम उठा कर सरकार ने 2022 तक सौर ऊर्जा क्षमता दोगुना करने का लक्ष्य आसान बना दिया है.
अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी ने भारत सरकार के सौर ऊर्जा कार्यक्रम में आ रही आक्रामकता का जायजा लेते हुए अपनी रिपोर्ट में कहा है कि भारत अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में तेजी से बढ़ रहा है और 2022 तक उस की अक्षय ऊर्जा क्षमता दोगुनी हो जाएगी. एजेंसी का कहना है कि सौर ऊर्जा तथा पवन ऊर्जा दोनों क्षेत्रों में भारत तेजी से वृद्धि कर रहा है.
सरकारी आंकड़े के अनुसार, देश की मौजूदा अक्षय ऊर्जा क्षमता 58,300 मेगावाट है और उसे दोगुना करने की योजना है. इस में एक लाख मेगावाट ऊर्जा क्षमता सिर्फ सौर ऊर्जा की होगी. इस क्षमता को हासिल करने के बाद भारत नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में पहली बार यूरोपीय संघ को पीछे छोड़ देगा और 2022 तक भारत-चीन-अमेरिका की वैश्विक स्तर पर नवीकरणीय ऊर्जा हिस्सेदारी दोतिहाई हो जाएगी.
अच्छी बात यह है कि भारत में पवन ऊर्जा की दर 2.44 रुपए प्रति यूनिट और सौर ऊर्जा की दर 3.46 रुपए प्रति यूनिट हो गई. यह दर रिकौर्ड निचले स्तर पर है और अगले 5 वर्षों में इस में और गिरावट आने की उम्मीद है.
नवीकरणीय ऊर्जा भविष्य की ऊर्जा है, यह सस्ती है और प्राकृतिकरूप से उपलब्ध स्वच्छ ऊर्जा है. इसलिए सरकार इसे ज्यादा महत्त्व दे रही है. लोग घरों की छतों पर पवन ऊर्जा संयंत्र स्थापित कर उसे बेच रहे हैं और घर में पर्याप्त बिजली जला रहे हैं.
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