सरकार नोटबंदी के बाद पुराने नोटों को बदलकर नये नोट लेने की सुविधा को धीरे धीरे बंद कर सकती है. ऐसे नोट रखने वालों से अपनी राशि सीधे बैंक खातों में जमा करवाने को कहा जा सकता है. सरकार फिलहाल ऐसा सोच रही है.

बाजार में नकदी उपलब्धता का इच्छित स्तर हासिल होने के मद्देनजर सरकार इस बारे में विचार कर रही है. उन्होंने कहा कि नोट बदलने की सुविधा तो बाजार में नकदी उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए दी गई थी.

एक अधिकारी ने जानकारी दी कि नोटबंदी के बाद बाजार में लगभग 60 प्रतिशत नकदी उपलब्धता बनाए रखना था जिसे हासिल कर लिया गया है. बाकी उपलब्धता सुनिश्चित होने के दौरान नोट बदलने की सुविधा को चरणबद्ध तरीके से बंद किया जा सकता है. सरकार इंतजार कर रही है कि पहले नए नोट चलन में आए. प्रणाली में नये नोट पर्याप्त संख्या में चलन में आने पर नोट बदलने की सुविधा समाप्त की जा सकती है.

फिल्हाल कोई व्यक्ति अधिकतम 2000 रुपये तक के नोट बदलवा सकता है. सरकार ने 8 नवंबर को नोटबंदी यानी 500 व 1000 रपये के मौजूदा नोटों को चलन से बाहर करने की घोषणा की थी. तब सरकार ने लोगों से कहा था वे 9 नवंबर से 30 दिसंबर तक अपने पुराने नोट या तो बैंकों में जमा करवा दें या उन्हें नये नोटों से बलवा लें.

पहले कोई व्यक्ति अधिकतम 4000 रपये प्रतिदिन नोट बलवा सकता था. बाद में इसे बढाकर 4500 रपये प्रति दिन किया गया लेकिन सरकार ने कल घटाकर 2000 रपये प्रति व्यकित कर दिया. इसके साथ ही 30 दिसंबर तक नोट केवल एक बार ही बदलवाए जा सकेंगे.

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