500-1000 के नोट बंद होने से जहां देश के ज्यादातर लोग परेशान हैं वहीं आर्थिक मोर्चे पर इसके क्या क्या फायदे होने वाले हैं ये सामने आने लगा है. एसबीआई की चेयरमैन अरुंधति भट्टाचार्य ने कहा है कि 500-1000 के नोट बंद होने से ईएमआई घट सकती हैं. यानी आप जो लोन लेते हैं इसके ऊपर ब्याज दरें घट सकती हैं जिससे आपको सस्ती ईएमआई का फायदा मिलने लगेगा.

एसबीआई की चेयरपर्सन अरुंधति भट्टाचार्य ने बताया कि नोटबंदी के बाद अब तक यानी 9 नवंबर से 12 तक एसबीआई में 1 लाख करोड़ रुपये का ट्रांजेक्शन हो चुका है और इसमें से 80 हजार करोड़ रुपये डिपॉजिट हैं और बाकी कैश निकाला गया है या एक्सचेंज किया जा चुका है. बैंक इस समय काफी व्यस्त हैं और पूरी रकम का सही आकलन अभी तक नहीं किया जा सका है. बैंकों पर ट्रांजेक्शन का दबाव कम होने के बाद एकदम सही आंकड़ा बताया जा सकेगा.

नोटबंदी से कैसे घटेंगी लोन की ईएमआई?

एसबीआई चेयरपर्सन अरुंधति भट्टाचार्य का कहना है कि आने वाले क्रेडिट पॉलिसी में आरबीआई द्वारा नीतिगत दरें कम होने की पूरी उम्मीद है क्योंकि नोटबंदी से बैंकिंग सिस्टम में बहुत लिक्विडिटी यानी कैश आ चुका है और बैंकों के पास ज्यादा पैसा रहने से वो भी अपनी ब्याज दरें कम कर पाएंगे. तो आने वाले वक्त में 500-1000 रुपये के नोट बंद होने का अच्छा असर आपके लोन की ईएमआई बंद होने के रूप में सामने आ सकता है.

नोटबंदी से रियल एस्टेट सेक्टर को तो घाटा होगा लेकिन इसका असली फायदा ग्राहकों को होगा क्योंकि प्रॉपर्टी की कीमतें गिरेंगी. ग्राहकों को सस्ती कीमतों पर घर और फ्लैट मिलने लगेंगे. ऐसा होगा क्योंकि काले धन का बहुत बड़ा हिस्सा रियल एस्टेट में आता था और इसकी वजह से बिल्डर घरों की कीमतें बढ़ाते जा रहे थे पर अब काले धन के लिए सारे रास्ते बंद होने के बाद रियलटी सेक्टर को कीमतें कम करने का रास्ता अपनाना ही पड़ेगा. यानी घर सस्ते होंगे और लोगों का घर खरीदने का सपना कम कीमत में पूरा हो पाएगा.

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