क्या आप जानते हैं कि आपके घर पर जल्द ही ई-कामर्स कंपनियां ड्रोन्स के जरिए सामान की डिलीवरी करने वाली है. सिविल एविएशन मिनिस्ट्री की ओर से तैयार नई नीतियों के ड्राफ्ट में ड्रोन्स से सामानों की डिलिवरी का प्रस्ताव है.

प्रस्तावित नियमों में ड्रोन्स को 5 भागों में बांटा गया है. सबसे हल्का या नैनो ड्रोन 250 ग्राम का होगा. इससे अधिक वजन वाले ड्रोन्स की 4 श्रेणियां होंगी. ये होंगे 250 ग्राम से 2 किलो, 2 से 25 किलोग्राम, 25 से 150 किलोग्राम और 150 ग्राम से अधिक के होंगे. सभी ड्रोन्स को सिर्फ 200 फुट से नीचे ही उड़ान भरने की अनुमति होगी.

अब मानवरहित एयर क्राफ्ट सिस्टम्स को लेकर तैयार किए गए नए नियमों को मंजूरी मिलने के बाद भारत में ड्रोन्स का कमर्शियल प्रयोग किया जा सकेगा. ड्राफ्ट किए गए नियमों के मुताबिक नैनो ड्रोन्स और सुरक्षा एजेंसियों द्वारा संचालित ड्रोन्स के अलावा अन्य सभी ड्रोन्स को डीजीसीए के तहत रजिस्ट्रेशन कराना होगा. सभी ड्रोन्स को यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर मिलेगा. 250 ग्राम से कम वजन के ड्रोन्स को रजिस्ट्रेशन या लाइसेंसिंग से छूट रहेगी. सबसे हल्के दो कैटिगरिज के ड्रोन्स के अलावा सभी मानवरहित एयरक्राफ्ट को आपरेशन परमिट लेना होगा.

उड्डयन मंत्री जयंत सिन्हा का कहना है कि नए नियमों के मुताबिक तकनीक की उपलब्धता के बाद 'एयर रिक्शा' के संचालन को भी मंजूरी दी जाएगी. हालांकि इन नियमों में कुछ इलाकों में उड्डयन सुरक्षा के चलते ड्रोन्स की उड़ानों पर प्रतिबंध रखा जाएगा. घनी आबादी के इलाकों और आपातकालीन आपरेशंस की संभावना वाले इलाकों में इनका संचालन नहीं किया जा सकेगा इसके अलावा एयरपोर्ट से 5 किमी के दायरे में, समुद्री सीमा से 500 मीटर के दायरे में, अंतरराष्ट्रीय सीमा के 50 किमी के अंतर्गत, और दिल्ली के विजय चौक के 5 किमी के दायरे में ड्रोन्स को उड़ाने की मनाही होगी.

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