केंद्र एवं राज्यों के बीच नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था जीएसटी में करदाताओं पर नियंत्रण का मुद्दा अभी सुलझ नहीं पाया है. हालांकि जीएसटी परिषद ने जीएसटी कानून को अमल में लाने वाले सहायक विधेयकों के अधिकतर उपबंधों को मंजूरी दे दी. इसको देखते हुए 1 अप्रैल से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू करना एक तरह से असंभव सा दिख रहा है.

जीएसटी परिषद ने मुआवजा व्यवस्था में भी बदलाव किया जिसमें राज्यों को द्विमासिक आधार पर भुगतान की व्यवस्था होगी जबकि पहले तिमाही आधार पर भुगतान का फैसला किया गया था. दोहरे नियंत्रण तथा महत्वपूर्ण आईजीएसटी विधेयक के मुद्दे पर 3-4 जनवरी को होने वाली अगली बैठक में विचार किया जाएगा. ये मुद्दे पिछली तीन बैठकों से अटके हैं.

जेटली ने बैठक के बाद कहा, ‘अगर आप मुझसे पूछते हैं कि कौन सा महत्वपूर्ण मुद्दा बच गया है, तो वास्तव में मुख्य रूप से आईजीएसटी तथा दोहरे नियंत्रण का मुद्दा है. दूसरा मुद्दा इन विधेयकों की विधि मान्य भाषा है जिसे 3-4 जनवरी को होने वाली अगली बैठक में रखा जाएगा.’ उन्होंने यह भी कहा कि परिषद उसके बाद जीएसटी के तहत कर दर की हर श्रेणी में शामिल की जाने वाली वस्तुओं के मुद्दे को लेगी.

सूत्रों के अनुसार ‘मुआवजा कोष के स्रोत’ से जुड़े कानून के हिस्से को फिर से तैयार किया जा रहा है. इसमें मुआवजा राशि को उपकर या अन्य कर के जरिये जुटाये जाने पर चर्चा होगी और फिर जैसा भी जीएसटी परिषद निर्णय करेगी. वित्त मंत्री ने कहा कि अब तक जो भी फैसले किये गये हैं, वे सर्वसहमति के आधार पर किये गये हैं. कोई भी निर्णय ‘मतदान या दो तथा लो’ के आधार पर नहीं किये गये.

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