फार्मा मूल्य नियामक ‘राष्ट्रीय फार्मास्युटिकल मूल्य प्राधिकरण’ (एनपीपीए) ने कैंसर, मधुमेह, गठिया, बैक्टीरिया संक्रमण तथा उच्च रक्तचाप जैसी बीमारियों के इलाज में काम आने वाली 54 दवाओं की कीमतों की सीमा तय कर दी है.

इसके अलावा केंद्र ने 11 दवाओं के खुदरा मूल्य भी तय किए हैं. नियामक ने बयान में कहा, ‘एनपीपीए ने दवा (मूल्य नियंत्रण) संशोधन आदेश, 2016 की अनुसूची एक के तहत 54 दवाओं के दाम निश्चित या संशोधित किए हैं. इसके अलावा डीपीसीओ, 2013 के तहत 11 दवाओं का खुदरा मूल्य भी निर्धारित किया गया है.’ पिछले महीने सरकार ने कुछ दवाओं के पैक के मूल्य निर्धारित किए थे.

सरकार किसी एक इलाज खंड में सभी दवाओं के औसत के हिसाब से आवश्यक दवाओं का मूल्य तय करती है. इन दवाओं की बिक्री 1% से अधिक होनी चाहिए. कंपनियों को ऐसी दवाओं का दाम एक साल में 10% तक बढ़ाने की अनुमति होती है.

सरकार ने डीपीसीओ 2013 को अधिसूचित किया है. यह 15 मई, 2014 से प्रभावी है. इसके दायरे में 680 दवा फार्मूलेशन आते हैं. इसने 1995 के आदेश का स्थान लिया है जिसके दायरे में सिर्फ 74 थोक दवाएं आती थीं.

 

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