पिछले वर्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए कैंपेन ‘गिव इट अप’ के तहत यदि आपने भी एलपीजी सब्सिडी छोड़ी है और अब वापस पाना चाहते हैं तो इसके लिए चिंता और परेशानी जैसी कोई बात नहीं है. अब एलपीजी सब्सिडी को दोबारा पाने के लिए एक साल के भीतर ही आप क्लेम कर सकते हैं वह भी बिल्कुल मुफ्त.

पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, प्रधानमंत्री द्वारा शुरू किए गए कैंपेन ‘गिव इट अप’ का एक साल पूरा हो गया. उपभोक्ता अगर अपने सब्सिडी छोड़ने वाले निर्णय को बदलना चाहते हैं तो इसके लिए स्वतंत्र हैं. अब सब्सिडी सरेंडर एक वर्ष की अवधि के लिए वैध होगा, दूसरे साल में ऑटो रिन्यूअल नहीं होगा. इसके लिए आपको दोबारा से सूचित करना होगा कि आप सरेंडर कर रहे या नहीं.

सब्सिडाइज्ड सिलिंडर की कीमत दिल्ली में 419.13 रुपये है जबकि नॉन सब्सिडाइज्ड की 509.50 रुपये. वर्तमान में ग्राहक एक साल में 14.2 किग्रा के 12 सब्सिडाइज्ड सिलिंडर पा सकते हैं.

प्रधान ने 1.13 करोड़ परिवारों को सब्सिडी छोड़ने के लिए शुक्रिया अदा किया. मोदी ने यह कैंपेन 27 मार्च 2015 को लांच किया था. ऊर्जा सम्मेलन ‘ऊर्जा संगम’ का शुभारंभ करते हुए उन्होंने लोगों से सब्सिडी सरेंडर करने की अपील की थी. और गरीबों को फ्री एलपीजी कनेक्शंस देने का वादा किया. 1 मई को मोदी 8,000 करोड़ स्कीम शुरू करने वाले हैं जिसके तहत पांच करोड़ गरीब परिवारों को फ्री एलपीजी कनेक्शंस दिया जाएगा.

 

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