पोस्ट औफिस के खाताधारकों को जल्द ही डिजिटल बैंकिंग सेवा मिलेगी. देश के करीब 34 करोड़ बचत खाता धारकों को यह फायदा मई से सारी सेवाएं औनलाइन उपलब्ध हो जाएगी. दरअसल, सरकार ने इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (IPPB) से इन खातों को लिंक करने की मंजूरी दे दी है. जिसके बाद से बचत खाताधारकों को डिजिटल बैंकिंग मिलने का रास्‍ता साफ हो गया है.

क्या और किसे होगा फायदा

पोस्ट औफिस में डिजिटल बैंकिंग सेवा शुरू होने से यहां के खाताधारक अपने अकाउंट से किसी भी बैंक खाते में पैसे ट्रांसफर कर सकेंगे. इससे पोस्‍ट औफिस के 34 करोड़ बचत खाता धारकों को फायदा होगा. आपको बता दें, पोस्ट औफिस में कुल 34 करोड़ बचत खाताधारक हैं. इनमें से 17 करोड़ पोस्ट औफिस सेविंग्स बैंक अकाउंट्स हैं. बाकी बचत खातों में मंथली इनकम स्कीम और रेकरिंग डिपौजिट शामिल हैं.

पूरी तरह वैकल्पिक सर्विस : पोस्‍ट औफिस के बचत खाताधारकों को डिजिटल बैंकिंग सर्विस उनकी मर्जी के अनुसार ही मिलेगी. यानी सर्विस पूरी तरह वैकल्पिक होगी. यदि खाताधारक यह सर्विस लेना चाहता है तो उसे अकाउंट को आईपीपीबी अकाउंट से लिंक किया जाएगा.

देश में बनेगा सबसे बड़ा बैंकिंग नेटवर्क: सरकार के इस कदम से पोस्ट औफिस देश का सबसे बड़ा बैंकिंग नेटवर्क बनकर उभरेगा. इंडिया पोस्‍ट की योजना के तहत सभी 1.55 लाख पोस्‍ट औफिस शाखाओं को आईपीपीबी से लिंक करना है. इंडिया पोस्‍ट कोर बैंकिंग सर्विस शुरू कर चुका है, लेकिन इसके तहत मनी ट्रांसफर की सुविधा पोस्‍ट औफिस सेविंग्‍स बैंक (पीओएसबी) अकाउंट्स के बीच ही मिलती है.

NEFT, RTGs की मिलेगी सुविधा: आधिकारिक सूत्र ने बताया, 'IPPB को रिजर्व बैंक औफ इंडिया संभालता है. वहीं, पोस्ट औफिस की बैंकिंग सर्विसेज वित्त मंत्रालय के अंतर्गत आती हैं. IPPB कस्टमर्स NEFT, RTGS और अन्य मनी ट्रांसफर सर्विसेज इस्तेमाल कर पाएंगे जो अन्य बैंकिंग कस्टमर्स करते हैं. एक बार पोस्ट औफिस सेविंग्स अकाउंट्स IPPB से लिंक हो गए, तब सभी कस्टमर्स दूसरे बैंकों की तरह ही कैश ट्रांसफर की सभी सर्विसेज इस्तेमाल कर पाएंगे.'

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