मुंबई के डब्बावालाओं की सर्विस दुनिया भर में मशहूर है. यह औफिस में लंच बौक्स सही समय पर पहुंचाते हैं. लाखों लोग रोजाना इस सर्विस के जरिए अपनी भूख मिटाते हैं. लोकल से सफर कर मुंबई के अलग-अलग इलाकों में डब्बावाला अपनी सर्विस देते हैं. मुंबई की तकरीबन आधी कामकाजी आबादी इन डब्बावालों पर आश्रित है. लेकिन, अब मुंबई वालों के लिए एक बुरी खबर है. यह सर्विस फिलहाल (एक दिन) के लिए बंद कर दी गई है. मुंबई में ब्रिज गिरने की वजह से यह सर्विस सस्पेंड है. अब सवाल है कि सर्विस बंद होने पर मुंबई की भूख कौन मिटाएगा?
डब्बावालों ने बंद की सर्विस
दो दिन से हो रही बारिश और पिछली रात को हुई भारी बारिश ने मुंबई की लाइफलाइन लोकल के पहिए थाम दिए. पानी भरने की वजह से अंधेरी स्टेशन के पास ब्रिज गिर गया. रेलवे की वेस्टर्न लाइन पूरी तरह से ठप है. ऐसे में मुंबई की जिंदगी की रफ्तार धीमी पड़ गई है. लेकिन, उससे भी ज्यादा मार उन लोगों पर पड़ी है, जो टिफिन सर्विस पर निर्भर हैं. क्योंकि, ब्रिज गिरने की वजह से डब्बावाला ने अपनी सर्विस को एक दिन के लिए पूरी तरह ठप कर दिया है.
रोजाना डिलिवर होते हैं 2 लाख टिफिन
मुंबई में डब्बावाला कि सर्विस काफी विश्वस्त ब्रांड है. इसका बेहतरीन डिलीवरी सिस्टम काफी अच्छा रहा है. दरअसल, डब्बावाला की सर्विस मुंबई की लोकल पर आधारित है. यह घर का खाना पैक कर डिलिवरी करते हैं. पूरी मुंबई में इनकी डिलिवरी सर्विस चलती है. करीब 5000 लोग रोजाना 2 लाख टिफिन की
40-45 करोड़ की इंडस्ट्री
डब्बावाला की सर्विस 125 साल पहले शुरू हुई थी, आज की तारीख में यह 40-45 करोड़ रुपए की बड़ी इंडस्ट्री है. एक अनुमान के मुताबिक, एक बौक्स का अनुमानित मासिक शुल्क 450 रुपए है. खास बात यह है कि हार्वर्ड बिजनेस स्कूल ही एकलौती ऐसी जगह है जहां डब्बावालाओं पर अध्ययन किया गया. इस अध्ययन से यह बात सामने आई कि डब्बावालाओं के सर्विस में खामियां काफी कम है, इसके करीब 6 मिलियन (60 लाख डब्बों) में एक ही कमी हो सकती है.
मुंबई डब्बावाला से जुड़ी खास जानकारी
– 1890 में मुंबई डब्बावाला की शुरुआत
– 2 लाख लोगों को खाने की सप्लाई
– 3 घंटे के अंदर खाना घर से लेकर दफ्तर तक पहुंचता है
– हर रोज 60 से 70 किलोमीटर तक का सफर तय
– खाने की सप्लाई के लिए 450-600 रुपए महीना खर्च
– खाने की सप्लाई में साइकिल और मुंबई की लोकल ट्रेन की मदद होती है
– काम में जुड़े प्रत्येक कर्मचारी को 9 से 10 हजार रुपए मासिक मिलता है
– साल में एक महीने का अतिरिक्त वेतन बोनस की तौर पर लेते है.
– नियम तोड़ने पर एक हजार फाइन लगता है
एक दिन बंद होने पर क्या नुकसान
एक रिपोर्ट के मुताबिक, अगर डब्बावाला की सर्विस मुंबई में एक दिन के लिए बंद होती है तो तकरीबन 2 लाख लोगों पर इसका असर दिखता है. हालांकि, 3 जुलाई को अंधेरी में ब्रिज गिरने से टिफिन सर्विस सिर्फ वेस्टर्न लाइन पर बंद की गई है. लेकिन, अगर पूरी मुंबई में यह सर्विस बंद हो तो एक दिन में करीब 30 लाख रुपए का नुकसान होता है. डब्बावाला के लिए यह बहुत बड़ी राशि है.