सरकार की हर गांव और घर तक बैंक की पहुंच बनाने की योजना इसी साल आकार लेनी शुरू कर देगी. सरकार ने संसद में बताया है कि इंडियन पोस्ट पेमैंट बैंक यानी आईपीपीबी की करीब साढ़े 6 सौ शाखाएं अप्रैल से काम करना शुरू कर देंगी.

पिछले वर्ष अक्तूबर से आईपीपीबी की कुछ ऐसी ही योजनाएं चल रही थीं और उन की सफलता को देखते हुए आगामी अप्रैल से इन बैंकों की 650 शाखाएं काम करनी शुरू कर देंगी. भारतीय रिजर्व बैंक इन बैंकों को काम करने के लिए लाइसैंस जारी कर चुका है.

सरकार का दावा है कि इस साल के अंत तक बड़ी संख्या में इन बैंकों की शाखाएं खोल दी जाएंगी. इस के लिए भरती प्रक्रिया भी चल रही है. आईपीपीबी के माध्यम से सरकार की योजना छोटी बचत योजनाओं को क्रियान्वित करने की रही है. हर गांव में बैंक की पहुंच हो, लोगों को बचत योजनाओं का लाभ मिले, इस के लिए देश के 90 प्रतिशत गांवों में फैले पोस्टऔफिसों के विशाल नैटवर्क का इस्तेमाल करने के लिए कंपनी कानून 2013 में संशोधन किया गया है.

पोस्टऔफिस में मिलने वाले सेविंग्स सर्टिफिकेट्स जैसी योजनाओं को बेचने का अधिकार अब निजी क्षेत्र के कुछ बड़े बैंकों को भी दिया गया है. छोटी बचत की इन योजनाओं को पहले की तरह लोकप्रिय बनाने के लिए सरकार ने अपने पोस्टऔफिस के विस्तृत नैटवर्क का इस्तेमाल करने की योजना बनाई और उस की शुरुआत अप्रैल से की जा रही है. यह योजना नए कलेवर में उपभोक्ताओं को कितना पसंद आती है, यह तो समय बताएगा, लेकिन इस से ग्रामीण क्षेत्र के लोगों का पोस्टऔफिस का रुख उस में फिर लौट सकता है, पोस्टऔफिसों की वीरानी फिर भीड़भाड़ में बदल सकती है.

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