भारतीय अर्थव्यवस्था नई उड़ान भरने को तैयार है और वह स्वर्णिम युग में प्रवेश करने वाली है. ऐसे में निवेशकों को जमकर पैसा लगाना चाहिए. यह अपील किसी और की नहीं, बल्कि चीन के शीर्ष सरकारी बैंक की है. भारत में निवेश की व्यापक संभावनाओं को देखते हुए चीन का यह बैंक खास तैयारी कर रहा है.
इंडस्ट्रियल एंड कौमर्शियल बैंक औफ चाईना (आइसीबीसी) ने भारत समर्पित निवेश फंड लांच किया है. इसमें चीन के लोग निवेश कर सकेंगे. यह राशि भारत में निवेश की जाएगी. परिसंपत्तियों के लिहाज से यह दुनिया का सबसे बड़ा बैंक है. चीन के बैंक का यह कदम इस वजह से खास अहम माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग की अनौपचारिक वार्ता होने के एक सप्ताह बाद यह पहल की गई है. दोनों देशों के नेताओं ने आर्थिक संभावनाओं के दोहन के लिए द्विपक्षीय संबंधों को नई दिशा देने पर जोर दिया था.
इंडस्ट्रियल एंड कौमर्शियल बैंक क्रेडिट स्यूज इंडिया मार्केट फंड यूरोप और अमेरिका के 20 से ज्यादा स्टॉक एक्सचेंजों में सूचीबद्ध उन एक्सचेंज ट्रेडेड फंडों में निवेश करेगा, जो भारतीय बाजारों पर आधारित हैं. चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स के अनुसार भारत में निवेश के लिए चीन का यह पहला पब्लिकली औफर्ड फंड है.
यह फंड भारतीय अर्थव्यवस्था के भविष्य में निवेश करेगा. बैंक ने इंडेक्स में प्रमुख उद्योगों के महत्व के लिहाज से विभिन्न सेक्टरों को निवेश के लिए सूचीबद्ध किया है. इसमें वित्तीय क्षेत्र को सबसे ज्यादा अहमियत मिल सकती है. इसके बाद आइटी, वैकल्पिक उपभोग, एनर्जी, आवश्यक उपभोग, कच्चा माल, फार्मास्युटिकल्स, हेल्थकेयर और अन्य उद्योगों पर फोकस होगा.
दुनिया के सबसे बड़े इस चीनी बैंक आइसीबीसी की परिसंपत्तियां 3.6 लाख करोड़ डौलर (241 लाख करोड़ रुपये) हैं. बैंक ने फंड लांच करते हुए भारत की शानदार तस्वीर पेश की है. आइसीबीसी क्रेडिट स्यूज इंडिया मार्केट फंड में सात मई से 25 मई के बीज निवेश किया जा सकता है.
आइसीबीसी के एक लेख के अनुसार तमाम विदेशी बाजारों में भारत दुनिया की दूसरी सबसे उभरती अर्थव्यवस्था है. वह आर्थिक विकास के अपने स्वर्णिम युग में प्रवेश करने वाला है. यह एक ऐसा देश है, जहां घरेलू और विदेशी पूंजी के बीच स्पर्धा है. 2017 से ग्लोबल रिकवरी के साथ उभरती अर्थव्यवस्था को फायदा मिल रहा है. इनमें भारत का प्रदर्शन सबसे अच्छा है.’