नोटबंदी के बाद आर्थिक स्तर पर लगातार विपक्षी दलों की आलोचना से घिरी सरकार के लिए वैश्विक सर्वेक्षणों की नकारात्मक आर्थिक रिपोर्टें काफी परेशान कर रही थीं लेकिन इसी बीच, विश्व बैंक की ताजा रिपोर्ट में सुगम कारोबार के माहौल वाले देशों की सूची में भारत को मिली 30 अंक की उछाल से उस के हौसले बुलंद हो गए हैं.

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कारोबार सुगमता के माहौल पर आई उस रिपोर्ट के बाद कहा कि उन्हें भरोसा हो गया है कि आर्थिक सुधारों के सरकार के प्रयास अच्छे परिणाम देने वाले हैं. कुछ आलोचकों ने तो सरकार पर उस आंकड़े को ले कर हेराफेरी का भी आरोप लगाया था लेकिन उन्हें जवाब दिया गया कि यदि यही होता है तो फिर अन्य क्षेत्रों में भी किया जा सकता था.

बहरहाल, सरकार इस रिपोर्ट से उत्साहित है और उस ने घोषणाकर दी है कि उस का लक्ष्य कारोबार सुगमता रैंकिंग में भारत को शीर्ष 50 देशों में शामिल करवाना है. इस के लिए उस ने इस दिशा में करीब 200 सुधार कार्यक्रमों को लागू करने के लिए काम शुरू कर दिया है.

अब तक सरकार ने निर्माण, कराधान, निवेशकों को संरक्षण, आसानी से परमिट देना, दिवालिया नहीं होने देने जैसे उपायों पर काम किया है जिस के कारण देश में रैंकिंग में सुधार हुआ है. एकल खिड़की जैसे प्रयास देश में पहले भी होते रहे हैं और इस सतत प्रक्रिया के कारण औद्योगिक विकास को गति मिलती रही है.

सरकार को छोटे कारोबारियों को उत्साहित करने के लिए उन्हें हतोत्साहित किए जाने से रोकने के प्रयास करने चाहिए. इस से रैंकिंग सुधारने में कितनी मदद मिलेगी, यह अलग सवाल है, लेकिन इस का असर देश के कुटीर उद्योग को मिलेगा, जिस का सीधा फायदा आम व्यक्ति को होगा.

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