देश में बीते कुछ सालों में बैंकों के साथ धोखाधड़ी जैसी कई घटनाएं सामने आईं जिसकी वजह से देश को आर्थिक परेशानियों का सामना भी करना पड़ा है, कुछ वक्त पहले नीरव मोदी द्वारा पंजाब नेशनल बैंक को धोखा देने तथा लगभग 11 हजार 360 करोंड़ का चूना लगाए जाने के बाद जनता सरकार से इसका जवाब जानना चाहती है की आखिर जनता के पैसों को कब तर लूटा जाएगा क्या इसपर लगाम लगेगी या जैसे चलता आया है वैसे ही घोटालों का क्रम चलता रहेगा. खैर इसी कड़ी में हम आपको बीते कुछ सालों में बैंकों से हुए उन सभी धोखाधड़ी के बारे में बताएंगे जिससे मौजूदा वक्त में देश को बड़ी आर्थिक परेशानी से होकर गुजरना पड़ रहा है.
एक आरटीआई के तहत पूछे गए सवाल के जवाब में रिजर्व बैंक ने कहा है कि अप्रैल 2017 से 1 मार्च 2018 तक 5,152 बैंक धोखाधड़ी के मामले सामने आए हैं, 2016-17 में यह आंकड़ा 5,000 से अधिक था.
विभिन्न बैंकों में पिछले पांच साल में एक लाख करोड़ रुपये से अधिक के 23,000 बैंक धोखाधड़ी के मामले सामने आए हैं.
केंद्रीय बैंक के अनुसार अप्रैल 2017 से 1 मार्च 2018 के दौरान सबसे अधिक 28,459 करोड़ रुपये के बैंक धोखाधड़ी के मामले सामने आए हैं.
2016-17 में 5,076 मामलों में बैंकों के साथ 23,933 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी हुई थी.
2013 से 1 मार्च 2018 के दौरान एक लाख रुपये या उससे अधिक के बैंक धोखाधड़ी के कुल 23,866 मामलों का पता चला है, आरटीआई से मिले जवाब के अनुसार इन मामलों में कुल 1,00,718 करोड़ रुपये की राशि फंसी हुई है.