सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक कर्मचारियों और अधिकारियों ने 30 मई से दो दिन की हड़ताल पर जाने का ऐलान किया है. हड़ताल का आह्वान भारतीय बैंक संघ (IBA) की वेतन में दो प्रतिशत की बढ़ोतरी के विरोध में किया जा रहा है. देशभर में बैंक कर्मियों के दो दिन हड़ताल पर जाने का असर बैंकिंग कामकाज पर पड सकता है.

आज के बाद बैंक में अगला कामकाज 1 जून को होगा. हड़ताल से नगदी निकासी में परेशानी हो सकती है. लेकिन औनलाइन ट्रांजेक्शन पर कोई असर नहीं पड़ेगा. हालांकि बैंकों की तरफ से कहा गया है कि एटीएम से कैश निकालने में कोई परेशानी नहीं होगी. हड़ताल पर जाने से पहले एटीएम में पर्याप्त कैश भर दिया जाएगा.

2012 में 15 फीसदी बढ़ोतरी हुई थी

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आपको बता दें कि इंडियन बैंक एसोसिएशन (IBA) ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के कर्मचारियों के वेतन में 2 फीसदी बढ़ोतरी करने की पेशकश की है. इसका बैंक कर्मचारी संघों ने विरोध किया है. इस पर बैंक यूनियंस का कहना है कि इससे पहले वेतन वृद्धि साल 2012 में हुई थी, जिसमें कर्मचारियों के वेतन में 15 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी. वेतन बढ़ाने को लेकर 5 मई 2018 को हुई बैठक में आईबीए ने दो प्रतिशत वृद्धि की पेशकश की थी. इस दौरान यह भी कहा गया कि अधिकारियों की मांग पर बातचीत केवल स्केल 3 तक के अधिकारियों तक सीमित होगी.

दो-तीन साल में काम का काफी बोझ बढ़ा

यूनाइटेड फोरम और बैंक यूनियंस के संयोजक देवीदास तुलजापुरकर का कहना है 'यह एनपीए के एवज में किये गए प्रावधान के कारण है जिससे बैंकों को नुकसान हुआ और इसके लिए कोई बैंक कर्मचारी जिम्मेदार नहीं है.' उन्होंने कहा कि पिछले दो-तीन साल में बैंक कर्मचारियों ने जन-धन, नोटबंदी, मुद्रा तथा अटल पेंशन योजना समेत सरकार की प्रमुख योजनाओं को लागू करने के लिये दिन-रात काम किए. तुलजापुरकर ने कहा, 'इन सबसे उन पर काम का काफी बोझ बढ़ा.'

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