आमतौर पर रेलवे स्टेशनों पर बड़े लोगों के खाने लायक तमाम तरह की चीजें आसानी से मिल जाती हैं, मगर मासूम बच्चों के मतलब की चीजें कतई नहीं मिलतीं. अब भारतीय मम्मियों की यह दिक्कत दूर होने वाली है. रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने इस दफे औरतों और मासूम शिशुओं की जरूरतों का भी अपने बजट में पूरापूरा खयाल रखा है. इस बार रेल मंत्री ने महिलाओं को सीटों में आरक्षण दिया, तो नन्हे बच्चों के लिए ट्रेनों और स्टेशनों पर बेबीफूड और दूध का बंदोबस्त करने का वादा भी किया है. यह योजना भले ही मुख्य रूप से छोटे बच्चों के लिए है, लेकिन इस से चेहरे तो तमाम मम्मियों के ही खिले हैं, क्योंकि बच्चों की खातिर परेशान तो उन्हीं को होना पड़ता है. शिशु मुसीबत को क्या जानें, उन्हें तो बस खुराक चाहिए. सिरदर्दी तो मम्मियों की होती है.आमतौर पर ट्रेनों की पैंट्री कार में तमाम तरह के पकवान मौजूद रहते हैं, लेकिन उन में शिशुओं के लायक कुछ नहीं होता. लेकिन अब हालात बदल जाएंगे और शिशुओं के खाने लायक चीजों के साथ कुनकुना दूध भी ट्रेनों व स्टेशनों पर मौजूद होगा

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