अगर आप दूसरों से सीख सकते हैं तो आपको गलतियां करने से बचना चाहिए. खास का टैक्स प्लानिंग के मामले में आपको उन गलतियों से बचना चाहिए जो आपके माता पिता कर चुके हैं. एक स्टडी से पता चलता है कि मिलेनियल्स यानी जिनकी उम्र 35 साल से कम है उनमें से 91 फीसदी लोग पैसों से जुड़े मामलों का प्रबंधन खुद करते हैं. ऐसे में आपको निवेश और पैसों से जुड़े फैसले करने के अलावा आपको यह भी समझना चाहिए कि आपकी इनकम पर कितना टैक्स बन रहा है और आपको टैक्स का भुगतान समय पर करना चाहिए.

किसी पेशेवर एक्सपर्ट की मदद के बिना हो सकता है कि आप भी उसी तरह की गलतियां करें जो शायद आपके माता पिता ने टैक्स प्लानिंग को लेकर की हैं. ऐसे में हम आपको बता रहे हैं कि आप कैसे उन गलतियों से बच सकते हैं.

चेक करें आपकी इनकम पर कितना बनता है टैक्स

आपकी कुल इनकम पर टैक्स लगता है न कि सिर्फ आपकी सैलरी पर. आप को दूसरे स्रोत से भी इनकम हो सकती है. जैसे फिक्स्ड डिपॉजिट पर ब्याज, म्युचुअल फंड या शेयर बाजार पर मिलने वाला रिटर्न, या आपको कहीं और से पैसा मिला हो. ऐसे में आपको अपनी कुल टैक्स देनदारी समझने के लिए सभी तरह की इनकम को जोड़ना होगा. इनकम के सभी स्रोत को जोड़ने के बाद ही आप यह जान सकते हैं कि आपकी कुल इनकम कितनी है और आपको इस पर कितना टैक्स देना है. इसके बाद अगर आप टैक्स बचाना चाहते हैं तो आप इसके हिसाब से टैक्स बचाने के विकल्पों में निवेश कर सकते हैं.

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