यह पहली बार नहीं हुआ है कि कोई कलाकार पसरते ब्राह्मणवाद की खुलेआम आलोचना करने लगा हो. हां, लेकिन ऐसा अपवादस्वरूप ही होता है कि वह आलोचक खुद ब्राह्मण हो. चेतन कुमार ऐसे ही कन्नड़ अभिनेता हैं जो खुल कर पौराणिक ब्राह्मणवाद के खिलाफ मैदान में हैं. कन्नड़ अभिनेता उपेंद्र और कन्नड़ अभिनेता व सामाजिक कार्यकर्ता चेतन कुमार उर्फ चेतन ‘अहिंसा’ के बीच सोशल मीडिया पर हुई ‘ब्राह्मणवाद’ पर नोक झोंक पुलिस स्टेशन तक पहुंच गई है. इस पूरे विवाद को राज्य प्रायोजित कहा जाए, तो गलत न होगा. यों भी कन्नड़ अभिनेता व सामाजिक कार्यकर्ता चेतन कुमार के ट्वीट ‘ब्राह्मणवाद, स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व की भावना का निषेध है’ के चलते कर्नाटक राज्य के श्रम मंत्री, कर्नाटक राज्य ब्राह्मण डैवलपमैंट बोर्ड’, ‘विप्रयुवावेदिका व सामाजिक कार्यकर्ता गिरीश भारद्वाज का गुस्सा आसमान पर पहुंचा है.

ये सभी परोक्षअपरोक्ष रूप से सरकार के ही अंग हैं. हकीकत में चेतन कुमार ‘अहिंसा’ द्वारा सोशल मीडिया पर ब्राह्मणवाद को ले कर की गई टिप्पणी कर्नाटक राज्य ब्राह्मण विकास बोर्ड के अध्यक्ष एच एस सच्चिदानंदमूर्ति, जो 38 वर्षों तक आरएसएस के सक्रिय सदस्य व भाजपा के अध्यक्ष रहे हैं और जनवरी 2020 में सरकार द्वारा इस पद पर आसीन किए गए और कर्नाटक राज्य के श्रम विभाग के मंत्री शिव राम हेब्बार को इस कदर नागवार गुजरी कि उन्होंने चेतन कुमार द्वारा सोशल मीडिया पर जारी वीडियो में ब्राह्मणवाद पर की गई टिप्पणी को आपत्तिजनक कहते पुलिस से कार्यवाही करने की मांग कर डाली. मंत्री महोदय ने तो चेतन कुमार की गिरफ्तारी की मांग की, जबकि एक अन्य ब्राह्मण संगठन से जुड़े गिरीश भारद्वाज ने तो चेतन कुमार को भारत से वापस अमेरिका भेजने तक की मांग कर डाली. तब कर्नाटक पुलिस को चेतन कुमार ‘अहिंसा’ के खिलाफ सैक्शन 193 बी और सैक्शन 295 ए के तहत एक नहीं बल्कि 2 अलगअलग पुलिस स्टेशनों में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू करनी पड़ी.

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