मशहूर लेखक खुशवंत सिंह की पोती,लेखक,फिल्म निर्माता, समाज सेवक,रंगकर्मी व अभिनेत्री टिस्का चोपड़ा सदैव कुछ न कुछ नया किया करती हैं.बतौर लेखक उनकी ‘हार्पर काॅलिन्स’से प्रकाशित किताब ‘‘एक्टिंग स्मार्ट’’सर्वाधिक बिकने वाली कितबा मानी जाती है. जिसका हिंदी अनुवाद किया जा रहा है.

जबकि दूसरी किताब ‘‘वाट्स अप विद मी’’ मार्च 2021 में बाजार में आयी.इस किताब में युवा लड़कियों के मासिक धर्म और  यौवन को नष्ट करने पर चर्चा है.
1993 में फिल्म ‘‘प्लेटफॉर्म’’से अजय देवगन के साथ अभिनय  में कदम रखने वाली टिस्का चोपड़ा ने बाद में ‘तारे जमीन पर’,‘लोकनायक’, ‘दिल तो बच्चा है जी’,‘लवशुदा’ और ‘घायल वंश अगेन सहित 50 फिल्मों में अपना जलवा दिखाकर राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय  पुरस्कार भी अपनी झोली में डाले.

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अभिनय के साथ ही वह निर्माण करने के साथ साथ टाॅक शोका संचालन भी करती रही हैं. कुछ  समय पहले उन्होंने  एक लघु फिल्म ‘‘रूबरू’’का निर्देशन किया था.जिसको मिली सफलता के बाद अब वह बड़ी फीचर फिल्म का निर्देश न करने की तैयारी में हैं. जिसकी शूटिंग वह इसी वर्ष करने वाली हैं.
एक साथ कई नावों की सवारी करने के सवाल पर टिस्का चोपड़ा कहती हैं-‘‘मैं  खुद से भी यही सवाल पूछती रहती हूं. मुझे लगता है कि इसकी मूल वजह यह है कि मैं आसानी से एक काम करते हुए उब जाती हॅूं.या  शायद यह तथ्य कि मुझे कई चीजों के बारे में अलग अलग विचार आते हैं,जिनके लिए अलग-अलग प्लेटफॉर्म की आवश्यकता होती है.हालांकि मैं इस तथ्य का आनंद लेती हूं कि मैं एक साथ कई काम करते हुए यानी कि एक साथ कई नावों की सवारी करते हुए खुद को सक्षम पाती हूं.लघु फिल्म ‘रूबरू’ का निर्देशन करने में मुझे  बड़ा मजा आया.इसलिए अब इस वर्ष के अंतत क मैं पहली फीचर फिल्म निर्देशित करने के लिए बहुत उत्सुक हूं.

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