डिजिटल मीडिया के युग में भी किताबों को पढ़ने से ही असल ताकत आयेगी. ऐसे में महिला सशक्तिकरण के लिये किताबों का पढ़ा जाना जरूरी है. फिल्म तपसी पन्नू ने लखनऊ में आयोजित महिलाओं के कार्यक्रम में यह बात कही.
लखनऊ के गोमती नगर स्थित इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में फिक्की फ्लो लखनऊ – कानपुर चैप्टर ‘इंडियन वीमेन आर्टिसन्स अवध फेस्टिवल एंड फिल्म फोरम – आईवाफ का आयोजन किया गया. कार्यक्रम की शुरुआत में युएस- इंडो बिजनेस कौंसिल की प्रेजिडेंट निशाल बिस्वास को सर्टिफिकेट और मोमेंटो देकर उनका स्वागत किया गया. कार्यक्रम की मुख्य अतिथि कैबिनेट मिनिस्टर रीता बहुगुणा जोशी ने आईवाफ की प्रदर्शिनी में जाकर स्टाल्स देखे और उनका हौसला बढ़ाया. प्रदर्शनी में भारत के साथ ही साथ दूसरे देशों जैसे मंगोलिया, कनाडा, यूएसए, अफगानिस्तान से आये हुए विभिन्न प्रकार के कपड़ों, सामानों और ज्वेलरी कारीगरी के बेहतरीन नमूने देखने को मिले.
फिक्की फ्लो की चेयरपर्सन रेणुका टंडन ने कहा की ये फोरम औरतों को सशक्त करने के लिए तत्पर है और उसी दिशा में काम कर रहा है. फिक्की की राष्ट्रीय अध्यक्ष पिंकी रेड्डी ने औडियंस को सम्बोधित करते हुए कहा की उनके लिए ये बहुत खुशी की बात है की वह आज इस स्टेज पर फिक्की को प्रेजेंट कर रही हैं, उन्होंने बताया की फ्लो में औरतों को इक्वल राईट्स दिलाने की पैरवी की जाती है. फिल्म अभिनेत्री तापसी पन्नू ने औडियंस को सम्बोधित करते हुए कहा की ‘हम बात बहुत करते हैं महिला सशक्तिकरण की पर असल में वैसा कुछ होता है या नहीं इसका हमें पता नहीं और महिलाओं को सशक्त करने की लिए उन्हें पढ़ाना बहुत जरुरी है.’
कार्यक्रम में समाज के विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रही विभूतियों को सम्मानित किया गया. इनमें डा. कुसुम अंसल, रूना बनर्जी, मिस. नादिरा हबीब, तापसी पन्नू, फार्रुख जफर, शामिल थे. कार्यक्रम में कनिका कपूर और तापसी पन्नू के साथ दर्शकों और मीडिया का इंटरेक्शन हुआ और सवाल जवाब किये गए. मीटू पर सवालों के जबाव देते तापसी पन्नू ने कहा कि इसका प्रभाव बना रहे इसके लिये जरूरी है कि इसका दुरूपयोग न हो.