दंगल टीवी अपनी शुरूआत के साथ ही नारी सशक्तिकरण भारतीय सभ्यता व उत्तर भारत के परिवेश वाले सीरियलों का प्रसारण करता आ रहा है. मगर इन दिनों इस चैनल पर सीरियल रंग जाउं तेरे रंग में में जिस तरह से नारी सशक्तिकरण के नाम पर कुछ घटनाक्रम दिखाए जा रहे हैं. उससे यह सवाल उठना है कि नारी सशक्तिकरण और नारी शक्ति के नाम पर लड़कियों की महत्वाकांक्षाओं को कुचलना कितना सही है.
वास्तव में इन दिनों इस सीरियल की कहानी में एक नया मोड़ आया हुआ है. जहां बनारस के रहने वाले दो बेटियों के पिता सुरेंद्र चैबे की बड़ी बेटी सृष्टि की शादी काशीनाथ पांडे के बेटे ध्रुव के संग हो रही हैण्लड़के वाले बारात लेकर आ चुके हैंण्मगर शादी के मंडप के नीचे पहुंचने से पहले ही सृष्टि गायब हो चुकी है. तब सुरेंद्र चैबे व काशीनाथ पांडे इस निर्णय पर पहुंचते है कि दोनों परिवारों की इज्जत को बचाने के लिए सुरेंद्र चैबे अपनी छोटी बेटी धानी की शादी ध्रुव पांडे के साथ करा देंण्शादी संपन्न होने से पहले इस बात की भनक ध्रुव पांडे को नही लगने दी है.
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ज्ञातब्य है कि धानी चैबे अभी कालेज में पढ़ रही है. उसके अपने कुछ सपने हैंण्वह पढ़ाई पूरी करने के बाद नौकरी कर अपने पैरों पर खड़ी होकर आत्म निर्भर बनना चाहती है. मगर उसके माता पिता उसे इमोशनल ब्लैकमेल करते हुए दो परिवारों की इज्जत को बचाने के लिए ध्रुव के संग विवाह के लिए राजी करते हैं. धानी चाहती है कि ध्रुव को सच बता दिया जाए कि सृष्टि गायब हो चुकी है और सृष्टि की तलाश की जाए. क्योंकि धानी को यकीन है कि उसकी बहन के साथ कुछ गलत हुआ है. उसकी बहन सृष्टि परिवार की इज्जत को दांव पर लगाने के लिए घर से भाग नहीं सकती. मगर धानी की सलाह पर अमल करने की बजाय उसे भावनात्मक रूप से ब्लैकमेल कर ध्रुव संग शादी करने के लिए राजी कर लिया जाता है. और धानी व ध्रुव की शादी हो जाती है. स्वाभाविक तौर पर अब आगे तमाशा होगा.
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