फिल्म ‘‘पिंजर’’ फेम लेखक व निर्देशक डॉ. चंद्रप्रकाश द्विवेदी पिछले 18 वर्षों से निडर, सच्चे व पराक्रमी सम्राट पृथ्वीराज चौहान के जीवन, कृतित्व उनकी वीरता पर लगातार शोध करने के बाद अब ये फिल्म ला रहे हैं. ये फिल्म काफी हद तक कवि चंद बरदाई के ‘पृथ्वीराज रासो’ से प्रेरित है. ‘‘यशराज फिल्मस ’’ने 9 मई को महाराणा प्रताप की जयंती के दिन वीर योद्धा पृथ्वीराज चौहान पर आधारित फिल्म ‘‘पृथ्वीराज’’ का ट्रेलर जारी किया.

इसके लिए यशराज स्टूडियो में बाकायदा एक समारोह आयोजित किया गया था, जहां मीडिया कर्मियों के साथ ही अक्षय कुमार के कुछ फैन्स को भी फिल्म का ट्रेलर दिखाया गया. फिल्म का ट्रेलर देखकर अहसास हुआ कि यह फिल्म एक तरफ सम्राट पृथ्वीराज चौहान की वीरता का जश्न मानती है, वहीं उनकी प्रेम कहानी को भी बयां करती है.

क्यो खड़े हो गए थे अक्षय के रोंगटे

ट्रेलर लांच के अवसर पर फिल्म ‘‘पृथ्वीराज’’ में बेरहम आक्रमणकारी मुहम्मद से भारत की रक्षा के लिए बहादुरी से लड़ाई लड़ने वाले वीर योद्धा पृथ्वीराज का किरदार निभाने वाले अभिनेता अक्षय कुमार ने कहा- ‘‘जब डॉ चंद्रप्रकाश द्विवेदी (पद्म श्री) ने मुझे इसकी कथा व पटकथा सुनायी, तो मेरे रोंगटे खड़े हो गए थे. मैं चाहता हूं कि हर कोई सम्राट पृथ्वीराज चैहान की कहानी देखे.

मैं तो चाहता हूं कि सरकार इसे हर स्कूल के हर बच्चे को दिखाने की व्यवस्था करे. जब मुझे फिल्म सुनाई गई, तो कहानी के माध्यम से मेरे रोंगटे खड़े हो गए और मैंने तुरंत इस फिल्म से जुड़ने के लिए हां कह दी थी. यह एक उत्कृष्ट स्क्रिप्ट है, एक सच्ची खोज है जो इतिहास, देशभक्ति, उन मूल्यों के चित्रण को एक साथ लाती है, जिन्हें हमें जीना चाहिए और प्रेम की एक ऐसी कहानी भी बताती है जो मिलना बेहद दुर्लभ है.”

अक्षय कुमार ने आगे कहा-‘‘इसमें वह सब कुछ है जिसके लिए मैं, एक दर्शक के रूप में, सिनेमाघरों में जाना चाहूंगा.इस फिल्म का कैनवास काफी बड़ा है. किसी भी अभिनेता के लिए किसी ऐसे व्यक्ति को चित्रित करना वास्तव में सम्मान की बात है, जिसने अपने वतन/भारत के लिए इतना कुछ किया है, जिसे हम जानते हैं.’’

अक्षय कुमार ने एक सवाल के जवाब में कहा-‘‘एक अभिनेता के तौर पर यह मेरा सौभाग्य है कि मेरे हिस्से लीक से हटकर इसी तरह की कहानियों को जीवंत करने का अवसर आता है और मैं उन्हे जीवंतता प्रदान कर पाता हूं. पृथ्वीराज हमारे प्रेम का श्रम है. हमने हर पल यह सोचने में बिताया है कि हम अपने देश और अपने देशवासियों के लिए अंतिम सांस तक खड़े रहने वाले इस शक्तिशाली राजा को कितने प्रामाणिक और शानदार तरीके से श्रद्धांजलि दे सकते हैं.”

अक्षय कुमार और मानुषी की उम्र का फासला

पृथ्वीराज का किरदार निभा रहे अभिनेता अक्षय कुमार और रानी संयोगिता का किरदार निभा ही अभिनेत्री मानुषी छिल्लर के बीच उम्र का बहुत बडा अंतर है. अब देखना है कि फिल्म में यह अंतर कैसे पाटा गया है. क्या विश्व सुंदरी मानुषी छिल्लर की सुंदरता से उनकी उम्र की तरफ लोगों का ध्यान नहीं जाएगा?

फिल्म ‘‘पृथ्वीराज’’ का ट्रेलर इस बात का अहसास करता है कि जहां रोमांस इस फिल्म का अहम हिस्सा है, वहीं फोकस गोरी के साथ युद्ध पर भी होगा. गोरी के किरदार में मानव विज हैं. तो वहीं पृथ्वीराज के वफादार चाचा काका कान्हा के किरदार में संजय दत्त हैं.

कौन थे पृथ्वीराज

चाहनामा चौहान, वंश के 12वीं शताब्दी के मजबूत हिंदू शासक पृथ्वीराज चौहान थे. पृथ्वीराज ने 1191 में तराइन की पहली लड़ाई में तत्कालीन मुस्लिम शासक मुहम्मद गोरी को हराकर अपनी किंवदंती प्राप्त की. हालांकि, एक साल बाद, आक्रमणकारी पहले की हार का बदला लेने के लिए वापस आ गया. गोरी की जीत को हिन्दुस्तान की इस्लामी विजय में एक ऐतिहासिक घटना के रूप में देखा गया. यह फिल्म 12वीं शताब्दी के कवि पृथ्वी चंद भट्ट पर आधारित है, जिन्हें चंद बरदाई व कविता ‘पृथ्वीराज रासो’ के नाम से जाना जाता है.

इतिहास हमेशा व्यक्तिपरक होता है. और अति राष्ट्रवाद के उदय ने नागरिकों को उस इतिहास पर सवाल उठाने के लिए मजबूर किया है जिसके साथ वह बड़ा हुआ है. पृथ्वीराज के शासनकाल और उससे भी महत्वपूर्ण उसकी मृत्यु ने इतिहास कारों के अलग-अलग विचार व्यक्त किए हैं. पृथ्वीराज रासो का दावा है कि चौहान राजा को एक कैदी के रूप में लिया गया था और बाद में आंखों पर पट्टी बांधकर पृथ्वीराज ने अपने तीर से गोरी को मार डाला.

फिल्म के ट्रेलर के एक दृश्य में बढ़ी हुई दाढ़ी के साथ युद्ध कैदी पृथ्वीराज चैहान दो शेरों पर तीर चला रहे हैं. इससे यह बात उभर कर आती है कि डॉ. चंद्रप्रकाश द्विवेदी की फिल्म इस सिद्धांत को तोड़ती है कि हिंदू योद्धा राजा पृथ्वीराज तराइन की दूसरी लड़ाई के बाद मारा गया था.

विवाद पर डायरेक्टर ने कही ये बात

फिल्म ‘‘पृथ्वीराज’’ के लेखक व निर्देशक डॉ. चंद्रप्रकाश द्विवेदी ने इस अवसर पर अपनी फिल्म के संदर्भ में कहा-‘‘ फिल्म देखकर लोगो को अहसास होगा कि पृथ्वीराज चौहान की लड़ाई की वजह धर्म या राजनीति नहीं थीं.’’

पिछले कुछ समय से फिल्म ‘पृथ्वीराज’ के नाम पर राजस्थान स्थित करणी सेना आपत्ति जता रही थी. इस पर ट्रेलर लांच के वक्त निर्देशक डॉ चंद्रप्रकाश द्विवेदी ने कहा, ‘‘जो भी संगठन आपत्ति कर रहा है, शायद यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहा है कि कोई भी हमारे देश के इतिहास के साथ खिलवाड़ न करे. मैं उनका बचाव नहीं कर रहा हूं, मैं केवल अपनी निजी राय व्यक्त कर रहा हूं. भारत में प्रत्येक संगठन और व्यक्ति को अपनी चिंताओं और आपत्तियों को उठाने का अधिकार है. लेकिन हमारे संविधान के दायरे में और इसके बाहर नहीं.

इसके अलावा, यदि आप लोकप्रिय पुस्तक पृथ्वीराज रासो का उल्लेख करते हैं, तो एक भी संदर्भ नहीं है जहां उन्हें सम्राट के रूप में संबोधित किया गया है. वहां पृथ्वीराज चैहान पर दो अन्य लोकप्रिय ऐतिहासिक पुस्तकें हैं, जिनमें से कोई भी उन्हें उनके नाम के अलावा किसी अन्य के रूप में संबोधित नहीं करता है.‘‘

डॉ. चंद्र प्रकाश द्विवेदी ने आगे कहा- ‘‘यदि आप एक नायक की कहानी को शुद्ध दिल और अत्यंत सम्मान के साथ बताते हैं, तो अन्य चीजें वास्तव में मायने नहीं रखती हैं. मुझे यकीन है कि इस फिल्म को देखने के बाद, उन सभी जिन्हें इसके बारे में कोई संदेह है, वह संतुष्ट होंगे और इस फिल्म को बनाने में किए गए काम की सराहना करने में सक्षम होंगे.

इस कहानी के महत्वपूर्ण होने का कारण यह है कि, संभवतः, पृथ्वीराज चौहान अंतिम, प्रमुख हिंदू सम्राट थे.‘‘

पृथ्वीराज पर बन चुकी हैं ये फिल्में

वैसे पृथ्वीराज पर यह पहली फिल्म नहीं है. इस योद्धा पर सबसे पहले 1924 में ‘पृथ्वीराज चैहान’ नामक फिल्म बनी थी. इसके बाद 1962 में पृथ्वीराज चाहाण की प्रेम कहानी पर तमिल फिल्म ‘रानी संयुक्ता’ बनी थी, जिसमें एम जी रामचंद्रन ने पृथ्वीराज का पद्मिनी ने संयोगिता का किरदार निभाया है.

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