ओटीटी प्लेटफौर्म की लगातार बढ़ती लोकप्रियता ने पहले ही बौलीवुड के स्क्रीन प्रदर्शन को चुनौती देनी शुरू कर दी थी और कोरोना वायरस के चलते जहां बौलीवुड ठप पड़ने लगा वहीं ओटीटी ने रफ्तार पकड़ ली. क्या बौलीवुड ओटीटी प्लेटफौर्म्स की मार से बच पाएगा?

सिनेमा मनोरंजन का अहम साधन है. विज्ञान व तकनीक के विकास के साथसाथ सिनेमा भी विकसित होता रहा है. तो वहीं समय के साथ सिनेमा को अपने अस्तित्व को बचाए रखने के लिए कई बार तरहतरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ा और हर चुनौती में सिनेमा सदैव निखर कर आता रहा है. यह कटु सत्य है कि कोरोना वायरस  व लौकडाउन के चलते कुछ फिल्मों के ओटीटी अर्थात ‘ओवर द टौप मीडिया सर्विसेस’ प्लेटफौर्म्स पर सीधे प्रसारित होने की वजह से चर्चा गरम है कि ओटीटी प्लेटफौर्म्स ने बौलीवुड अर्थात सिनेमा पर हमला कर दिया है. मगर यह दौर अस्थायी है.

यदि ओटीटी प्लेटफौर्म्स के कर्ताधर्ताओं ने अपनी कार्यशैली में बदलाव नहीं किया, तो ओटीटी प्लेटफौर्म्स के सामने अपने अस्तित्व को बचाए रखने का संकट गहरा जाएगा. कोरोना वायरस व लौकडाउन के

चलते 17 मार्च से फिल्म, टीवी सीरियल्स और वैब सीरीज की शूटिंग्स बंद हो गईं. परिणामस्वरूप, इन  ओटीटी प्लेटफौर्म्स ने फिल्मकारों  की व्यावसायिक सोच पर हमला करते हुए प्रदर्शन के लिए तैयार फिल्में खरीदनी शुरू कर दीं. इधर कई फिल्में मार्च, अप्रैल व मई माह में प्रदर्शन के लिए तैयार थीं. फिल्मों के निर्माताओं के सामने भी समस्याएं थीं क्योंकि हर फिल्म के निर्माण में कई सौ करोड़ रुपए लगे होते हैं. इसी के चलते कुछ निर्माताओं ने अपनी फिल्में ओटीटी  प्लेटफौर्म को बेच दीं. मगर ओटीटी प्लेटफौर्म ने अवसर का बेहतर फायदा उठाते हुए कुछ बड़ी फिल्मों के साथसाथ छोटी फिल्मों और उन फिल्मों को भी हासिल कर लिया, जो शायद कमतर गुणवत्ता के चलते सिनेमाघरों तक नहीं पहुंच पा रही थीं.

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