हॉलीवुड में फिल्मों का निर्माण स्टूडियो सिस्टम के तहत ही हो रहा है. वहां ‘डिजनी स्टूडियो’, ‘बीबीसी 4 स्टूडियो’,‘फॉक्स स्टार स्टूडियो’ काफी सक्रिय हैं. हॉलीवुड सिनेमा ने तो पूरे यूरोप पर कब्जा करके यूरोपीय देषों के सिनेमा का अंत कर दिया है.
पिछले कुछ वर्षों से भारत में कुछ कॉरपोरेट कंपनियां सिनेमा से जुड़कर स्टूडियो की तरह फिल्में बनाती आ रही हैं. मगर सूत्रों की माने तो बॉलीवुड के कलाकारों की अपनी दादागीरी, कॉरपोरेट कंपनियां द्वारा अपनी बैलेंस सीट पर ध्यान देने, कंपनी के शेअर के भाव कैसे बढ़े इस पर ध्यान देने, फिल्मों के निर्माण का निर्णय करने का दायित्व सिनेमा के समझने वाले को देने की वनिस्पत एमबीए करके आने वाले रंगरूटों को दिए जाने के कारण भारत में कॉरपोरेट या स्टूडियो के तहत बनी फिल्में सुपर फ्लॉप हो रही हैं. जिसकी वजह से हमारे यहां स्टूडियो सिस्टम असफल होता जा रहा है. इतना ही नहीं सिनेमा भी गुड़गोबर हो रहा है.
यह एक कटु सत्य है. इसी के चलते कुछ वर्ष पहले ‘अष्ट विनायक’ सहित दो तीन कॉरपोरेट कंपनियां/स्टूडियो खत्म हो गए. अब फिल्म ‘मोहनजो दाड़ो’ को जिस कदर से बॉक्स ऑफिस पर असफलता मिली है, उसके चलते ‘मोहनजो दाड़ो’ के निर्माण से जुड़ा ‘डिजनी स्टूडियो’ ने भी तय कर लिया है कि अब वह भारत में हिंदी फिल्मों का निर्माण नहीं करेगा. वह सिर्फ अपनी हॉलीवुड फिल्मों को हिंदी व अन्य भारतीय भाषाओं में डब कर प्रदर्शित करता रहेगा.
सूत्रों के अनुसार कुछ वर्ष पहले डिजनी स्टूडियो ने रॉनी स्क्रूवाला की फिल्म प्रोडक्शन कंपनी ‘यूटीवी मोशन पिक्चर्स’ को खरीदकर उसे ‘डिज्नी स्टूडियो’ नाम दे दिया था और इसका सीईओ सिद्धार्थ रॉय कपूर को बनाया था.
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