बॉलीवुड और टीवी जगत की मशहूर अदाकारा और सेल्यूलाइड के परदे की लोकप्रिय प्यारी मां का किरदार निभा चुकी रीमा लागू अब इस दुनिया में नहीं रहीं. सेल्यूलाइड के परदे की सलमान खान की मां के रूप में जाने जानी वाली रीमा लागू का 59 वर्ष की उम्र में आज तड़के 3 बजकर 15 मिनट पर हृदयाघात (हार्ट अटैक) के चलते मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल में देहांत हो गया. आज दोपहर 2 बजे मुंबई के ओशिवरा शमशान भूमि में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.

मूलतः महाराष्ट्रियन यानी मराठी भाषी रीमा लागू ने मराठी व हिंदी दोनो ही भाषाओं की फिल्मों में अभिनय कर अपनी एक अलग पहचान बनायी थी. सलमान खान की कई फिल्मों में उनकी मां का किरदार निभा चुकी रीमा लागू ‘मैंने प्यार किया’, ‘आशिकी’, ‘साजन’,‘हम आपके हैं कौन’, ‘वास्तव’, ‘कुछ कुछ होता है’, ‘हम साथ साथ हैं’, ‘जिस देश मे गंगा रहता है’, जैसी कई फिल्मों में यादगार अभिनय के कारण सदैव याद की जाती रहेंगी.

रीमा लागू ने यूं तो टीवी पर भी काफी काम किया था. मगर सचिन पिलगांवकर निर्देशित टीवी पर सीरियल ‘‘तू तू मैं मैं’’ में सास बहू की लड़ाई लोगों को बहुत पसंद आती थी. इसमें रीमा लागू ने सास की भूमिका निभायी थी, जबकि बहू के किरदार में सुप्रिया पिलगांवकर थी.

रीमा लागू को अभिनय विरासत में मिला था. 1958 को मुंबई में जन्मी रीमा लागू की मां मंदाकिनी भड़भड़े थिएटर की अति मशहूर अभिनेत्री थीं. पुणे के एचएचसीपी हाई स्कूल से हाईस्कूल तक की पढ़ाई करने बाद ही अभिनय के फितूर के चलते पढ़ाई छोड़ कर रीमा लागू ने स्टेज पर अभिनय करना शुरू कर दिया था.

80 के दशक की शुरुआत में उन्होंने हिंदी व मराठी फिल्मों में अभिनय करना शुरू किया था. अब तक वह 90 फिल्मों में अभिनय कर चुकी थीं. 1980 में फिल्म ‘आक्रोश’ में उन्होंने डांसर का किरदार निभाया था. जबकि 1984 में ‘ये दिल्लगी’ में एक बिजनेस वुमन के किरदार में उन्हें काफी शोहरत मिली. रीमा लागू ने मराठी भाषी अभिनेता विवेक लागू के साथ शादी की थी. पर यह विवाह ज्यादा समय तक टिका नहीं. रीमा लागू की अपनी एक बेटी मृणमयी लागू है, जो कि मशहूर थिएटर निर्देशक हैं.  

1988 में फिल्म ‘‘कयामत से कयामत तक’’ में जुही चावला की मां का किरदार निभाकर वह चर्चा में आयी थीं. 1988 में ही अरूणा राजे निर्देशित फिल्म ‘रिहाई’ में उन्होंने अति विवादास्पद किरदार भी निभाया था. इसके दूसरे वर्ष 1989 में प्रदर्शित फिल्म ‘‘मैंने प्यार किया’’ में सलमान खान की मां का किरदार निभाकर वह रातों रात छा गयी थीं. इस फिल्म ने उन्हें जो शोहरत दिलायी, वह बिरले चरित्र अभिनेता को ही नसीब हो पाती है. इस फिल्म के कारण वह आज भी याद की जाती हैं.

वैसे तो उन्होंने 1993 में प्रदर्शित फिल्म ‘गुमराह’ में श्री देवी तथा 1994 में प्रदर्शित ‘जयकिशन’ में अक्षय कुमार की मां, 1999 में प्रदर्शित फिल्म ‘‘वास्तव’’ में संजय दत्त की मां के भी किरदार निभाकर शोहरत बटोरी, पर सलमान खान की मां के रूप में उनकी एक पहचान बन गयी थी. उन्होंने सेल्यूलाइड के परदे पर निःस्वार्थ प्यार व ममतामयी मां, त्याग की मूर्ति मां, संघर्ष करने वाली मां के किरदारों को अपने अभिनय से एक पहचान दी.

रीमा लागू ने कई बेहतरीन मराठी फिल्में भी की. इनमें से फिल्म ‘‘बिनधास्त’’ से उन्हें काफी शोहरत मिली.

रीमा लागू के निधन पर फिल्म व टीवी कलाकार अपनी संवेदनाएं व्यक्त कर रहे हैं. फिल्म अभिनेता रिषि कपूर ने ट्वीटर पर लिखा है कि, ‘वह मेरी अच्छी दोस्त थी. हमने एक साथ कुछ फिल्में की थीं. मेरी हार्दिक संवेदना..’’

टीवी कलाकारों में से सचिन श्राफ, निवेदिता बसु, कीथ सिक्वेरिया, श्रुति सेठ, अनूप सोनी, मानसी सालवी, मनीष पॉल, रागिनी खन्ना, दिव्यंका त्रिपाठी दहिया, विवेक दहिया आदि ने भी ट्वीटर प अपना दुःख व्यक्त किया है.

वह लगातार काम कर रही थीं. हार्ट अटैक आने से पहले तक वह पूर्णरूपेण स्वस्थ थीं. काफी लंबे समय बाद रीमा लागू ने टीवी पर वापसी करते हुए सितंबर 2016 से ‘स्टार प्लस’ पर प्रसारित हो रहे सीरियल ‘‘नामकरण’’ में दयावंती का किरदार निभाती आ रही थीं. यह सीरियल अभी भी प्रसारित हो रहा है. मगर अब अचानक रीमा लागू के निधन के बाद ‘नामकरण’ में दयावंती के किरदार को निभाने के लिए अन्य अदाकारा की तलाश शुरू होगी. अब तक वह नौ टीवी सीरियलो में नजर आयीं.

इन दिनों ‘‘स्टार प्लस’’ पर प्रसारित हो रहे सीरियल ‘‘नामकरण’’ में सवाल उठाया गया है कि हर महिला की पहचान पहले उसके पिता, फिर उसके पति के नाम के साथ ही होती है. एक स्त्री अपने नाम से क्यों नहीं पहचानी जाती. आखिर इसमें बदलाव कैसे आएगा. इस पर बात करते हुए रीमा लागू ने कहा था, ‘‘इसके लिए पहले महिलाओं को ही पहल करनी होगी. उसके बाद परिवार व समाज को उनका साथ देना होगा. तभी हर स्त्री को उनके अपने नाम के साथ पहचान मिल सकेगी.’’

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