महात्मा गांधी यानी कि मोहनदास करमचंद गांधी ने अपने अहिंसा आंदोलन के बल पर ब्रिटिश शासकों को भारत छोड़ने पर मजबूर कर 15 अगस्त 1947 को भारत को आजादी दिलायी थी. लेकिन 30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोड़से ने उन्हे गोलियों से भूनकर मौत के घाट उतार दिया था. पर देश आजाद है और लोकतंत्र बलवान होता जा रहा है.
महात्मा गांधी के जीवन व कृतित्व को लेकर कई फिल्में बन चुकी हैं. मगर महात्मा गांधी की हत्या की साजिश पर केंद्रित फिल्म नहीं बनी. पर अब मूलतः भारतीय मगर दुबई में बसे लोगों द्वारा दुबई में स्थापित फिल्म प्रोडक्शन कंपनी ‘‘नुगेन मीडिया’’ ने कई पुरस्कार जीत चुके श्रीलंकन फिल्मकार चंद्रन रत्नम के साथ मिलकर एक अंतरराष्ट्रीय फिल्म ‘‘सोलार इक्लिप्स : डेप्थ्स आफ डार्कनेस’’ का निर्माण किया है. 21 अगस्त 2017 को अमेरिका सहित पश्चिमी देशों प्रदर्शित होने वाली इस फिल्म की अवधि दो घंटे 18 मिनट है, मगर भारतीय दर्शकों के लिए फिल्म में पांच गाने जुड़ जाएंगे. हिंदी में इस फिल्म का नाम ‘‘सूर्यग्रहण’’ होगा.
यह फिल्म गहन अशांति के बाद भारतीय लोकतंत्र के जन्म का कलात्मक चित्रण है. इसमें आजादी से पहले और बाद के भारत का जिक्र है. फिल्म की कहानी देश के बंटवारे से पहले और बाद के नौ माह की है. ‘सोलार इक्लिप्स’, मुंबई, पुणे, दिल्ली में कार्यरत तीन अति बुद्धिमान पुलिस अफसरों की कहानी है. जिन्हे महात्मा गांधी की हत्या किए जाने की योजना का पता चलता है. फिल्म में कुछ काल्पनिक घटनाक्रम व पात्र हैं, मगर कहानी में वास्तविक किरदारों व घटनाक्रम की बहुतायत है.