2003 में प्रदर्शित कैजाद गुस्ताद की फिल्म ‘‘बूम’’ से बौलीवुड में कदम रखने वाली ब्रिटेन में पली बढ़ी अदाकारा कटरीना कैफ बहुत जल्द बौलीवुड में अपने चेहरे मोहरे की वजह से छा गयीं. क्योंकि बौलीवुड में हमेशा खूबसूरत चेहरों को प्रधानता मिलती रही है.
दर्शक भी सिनेमा के परदे पर खूबसूरत चेहरे को देखता रहा है. मगर पिछले तीन चार वर्षों से सिनेमा और सिनेमा का दर्शक बदला है. अब दर्शक सिर्फ परदे पर खूबसूरत चेहरा नहीं देखना चाहता, बल्कि वह परदे पर वास्तविक पात्रों को देखना चाहता है. दर्शकों की इस नयी कसौटी पर कटरीना कैफ पूरी तरह से असफल साबित होती जा रही हैं.
इसी के चलते उनकी पिछली फिल्म ‘‘फैंटम’’ बुरी तरह से असफल हो गयी. उसके बाद से ही चर्चाएं गर्म हो गयी थीं कि अब कटरीना कैफ का करियर खत्म.
इतना ही नहीं जब से अभिषेक कपूर निर्देर्शित नई फिल्म ‘‘फितूर’’ का ट्रेलर बाजार में आया है, तब से बौलीवुड में चर्चाएं गर्म हैं कि, ‘‘क्या कटरीना कैफ अपने कैरियर के साथ साथ ‘फितूर’को भी ले डूबेंगी?’’ इस चर्चा की वजह यह है कि ‘फितूर’ के ट्रेलर में कटरीना कैफ जिस तरह ब्रिटिश लहजे वाली हिंदी में संवाद अदायगी कर रही हैं, वह वर्तमान दर्शकों को कभी नहीं रास आएगा.
वास्तव में ‘बूम’ से लेकर अब तक कटरीना कैफ लगभग हर फिल्म में उन पात्रों को निभाती रही हैं, जिनका संबंध किसी न किसी तरह से विदेश या ब्रिटिश मूल से रहा है. इस वजह से हर फिल्म में उन्हें दर्शक पसंद करते रहे हैं. लेकिन फिल्म ‘फितूर’ की पृष्ठभूमि में कश्मीर है, जिसमें कटरीना कैफ ने अय्याश, रईस और चालाक मां की बेटी का किरदार निभाया है. फिल्म में उनकी मां बनी तब्बू उर्दू मिश्रित हिंदी में बात करती हैं, जबकि बेटी बनी कटरीना कैफ ब्रिटिश लहजे वाली हिंदी में बात करती हुई नजर आ रही हैं.
आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें
डिजिटल

सरिता सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- सरिता मैगजीन का सारा कंटेंट
- देश विदेश के राजनैतिक मुद्दे
- 7000 से ज्यादा कहानियां
- समाजिक समस्याओं पर चोट करते लेख
डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

सरिता सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- सरिता मैगजीन का सारा कंटेंट
- देश विदेश के राजनैतिक मुद्दे
- 7000 से ज्यादा कहानियां
- समाजिक समस्याओं पर चोट करते लेख
- 24 प्रिंट मैगजीन