अभिनेत्री पूजा भट्ट ने अपने कैरियर की लगभग सभी फिल्में अपने पिता के निर्देशन में ही की हैं. फिर चाहे वह ‘दिल है कि मानता नहीं’, ‘सड़क’, ‘फिर तेरी कहानी याद आई’ हो या ‘जख्म’. आखिरी बार उन्हें महेश भट्ट निर्देशित फिल्म ‘जख्म’ में देखा गया था. लगभग 18 साल के बाद अब वे फिर से बड़े परदे पर वापसी कर रही हैं. इस बार फिल्म का निर्देशन भले ही उन के पिता महेश भट्ट नहीं कर रहे हों लेकिन उस की पटकथा महेश भट्ट ने ही लिखी है.

सालों बाद वापसी को ले कर पूजा का कहना है कि काफी समय तक उन्हें अपने पिता की तरह गंभीर विषय की फिल्में नहीं मिलीं, लिहाजा उन्होंने अभिनय भी छोड़ दिया. पर अब कुछ लोगों के पास ऐसी अच्छी कहानियां हैं जो मेरे पिता की लिखी कहानियों से कहीं बेहतर हैं, इसलिए दोबारा अभिनय की नई शुरुआत कर रही हूं.

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