संगीत महज तालीम से नहीं निखरता है, बल्कि वह गायक की निजी जिंदगी के अनुभवों, उतारचढ़ावों, उस की अपनी भावनाओं से निखरता है. इस का ताजातरीन उदाहरण बौलीवुड की चर्चित गायिका कनिका कपूर हैं. कनिका कपूर के मुताबिक, ‘इंसान की जिंदगी के उतारचढ़ाव का उस के संगीत पर बहुत असर पड़ता है. जब मैं 18 साल की थी, तब मैं अपना म्यूजिक अलबम बनाने की कोशिश कर रही थी. धीरेधीरे जैसे ही मेरी यात्रा आगे बढ़ी, मेरे संगीत में ठहराव आ गया. इंसान जब निजी जिंदगी में दुखदर्द सहता है तो उस की अपनी भावनाएं जागृत होती हैं जो संगीत में नजर आती हैं.’ कनिका बेबी डौल, चिट्टियां कलाइयां, जब छाए मेरा जादू जैसे गीतों से म्यूजिक वर्ल्ड में जाना- पहचाना नाम बन चुकी हैं.