कई वर्ष पहले हमने अंग्रेजी में एक सूक्ति पढ़ी थी. रूल नंबर वनः- बास इज आलवेज राइट. रूल नंबर 2 -इफ बास इज राग, देन सी द रूल नंबर वन. (हिंदी में अर्थ हुआ...नियम नंबर एकः बास हमेशा सही होता है. नियम नंबर दोः यदि बास गलत है, तो देखें नियम नंबर वन.). अब बास(दीपिका पादुकोण) द्वारा अपनी स्टाइलिश शलीना नथानी की छुट्टी की खबरों ने सभी को वही अंग्रेजी वाली सूक्ति याद दिला दी है.
वास्तव में पिछले रविवार को नीदरलैंड में संपन्न एमटीवी के संगीत अवार्ड समारोह में दीपिका पादुकोण जो पोशाक पहनकर रेड कारपेट पर चली थी, उसकी वजह से उन्हे ‘बौलीवुड ब्लंडर’ की संज्ञा पाने के साथ साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी आलोचना झेलनी पड़ी. दीपिका पादुकोण के अति नजदीकी सूत्रों की माने तो इस आलोचना के बाद दीपिका पादुकोण ने अपनी या अपनी पीआर की गलतियों पर गौर करने की बजाय सीधी कारवाही करते हुए अपनी कई वर्ष पुरानी स्टाइलिश शलीना नथानी की छुट्टी कर दी.
बौलीवुड के सूत्र इसे दीपिका पादुकोण के अहंकार की संज्ञा दे रहे हैं. बौलीवुड के सूत्रों का मानना है कि क्या दीपका पादुकोण ने जब यह पोशाक पहनी थी, तब उन्हें समझ में नहीं आया था कि वह क्या पहन रही हैं. जबकि स्टाइलिश की डिजाइन की गयी पोशाक को पहनकर दीपिका ने कई बार देखा होगा कि वह उस पर फिट बैठती है या नहीं..हर इंसान कपडे़ पहनते ही इस बात का अहसास कर लेता है कि वह पोशाक उसके उपर सही लग रही है या नहीं. दीपिका पादुकोण भले खूबसूरत हों मगर हरे रंग का ब्रालेट और स्कर्ट का काम्बों उनके फिगर को बेहतर नहीं दिखा रहा था. यह बात एक अनाड़ी भी उन्हे बता सकता था. पर अपनी इस गलती को समझने की बजाय दीपिका ने दूसरे को बलि का बकरा बना दिया.