अकसर राजनीतिक संदर्भों पर बनी फिल्में केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड यानी सीबीएफसी की कैंची तले आ कर फंस जाती हैं. कई बार कुछ बड़े कदमों के बाद फिल्में रिलीज हो जाती हैं तो कई बार सालों तक बैन रहती हैं. इंदिरा गांधी के जीवन पर आधारित तथाकथित फिल्म ‘आंधी’ को भी सैंसरबाजी का शिकार होना पड़ा था और ‘किस्सा कुरसी का’ के तो पिं्रट तक जला दिए गए थे. फिलहाल देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या और उस समय की घटनाओं पर आधारित फिल्म ‘31 अक्तूबर’ भी सैंसर के गलियारों में उलझी हुई थी. लेकिन, अब खबर है कि सोहा अली खान व वीर दास अभिनीत यह फिल्म सैंसर बोर्ड के सुझाए गए 9 बडे़ कट्स के बाद रिलीज होगी. निर्माता के मुताबिक सीबीएफसी की सुधार समिति ने कई बार फिल्म जमा करवाई और फिर कट्स लगवाए. शिवाजी लोटन पाटील ने इसे निर्देशित किया है.

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