दशकों तक संगीतप्रेमियों के दिलों पर राज करने वाले प्रबोधचंद डे, जिन्हें दुनिया मन्ना डे के नाम से जानती है, आज दुनिया में नहीं हैं. लंबे समय से बीमार चल रहे मन्ना डे ने 24 अक्तूबर को बेंगलुरु के अस्पताल में आखिरी सांस ली. हिंदी के अलावा बंगाली, मराठी, गुजराती, मलयालम, कन्नड़ और असमिया भाषा में भी उन के मधुर गीत लोकप्रिय हैं.
श्रेष्ठ गायन के लिए कई राष्ट्रीय पुरस्कार जीतने वाले मन्ना पद्म विभूषण और दादा साहब फाल्के अवार्ड से भी नवाजे जा चुके हैं. हर गीत में अपनी अनोखी आवाज की छाप छोड़ने वाले मन्ना हमेशा याद आएंगे.
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