21 वर्ष पहले 3 जुलाई 1996 को डायलौग किंग राजकुमार फिल्मी दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह गए. लेकिन आज भी हमारे दिलों दिमाग में अपना मकाम बनाए हुए हैं. राजकुमार के जिंदगी का खुशनुमा सफर सब-इंस्पेक्टर से शुरू होकर फिल्मी दुनिया तक बेहद रोमांचक रहा. राजकुमार के डायलौग आज भी लोगों के जुबां में होते हैं. राजकुमार अच्छे एक्टर के साथ ही जिंदादिल इंसान भी थे

राजकुमार की एक्टिंग स्टाईल, उनके सफेद जूते और उनके डायलॉग आज तक दर्शकों के जेहन में जिंदा हैं. इस रिपोर्ट में दिखाते हैं, उनके जिंदादिल व्यक्तित्व के अनोखे अंदाज. पढ़िए राजकुमार के 11 सुपरहिट डायलॉग जो हिंदी सिनेमा में हमेशा के लिए अमर हो गए.

चिनॉय सेठ, जिनके घर शीशे के बने होते हैं वो दूसरों पर पत्थर नहीं फेंकते. फिल्म 'वक्त'

आपके पैर बहुत खूबसूरत हैं. इन्हें ज़मीन पर मत रखिए, मैले हो जाएंगे. फिल्म 'पाकीजा'

हम तुम्हें मारेंगे और जरूर मारेंगे. लेकिन वह वक्त भी हमारा होगा. बंदूक भी हमारी होगी और गोली भी हमारी होगी. फिल्म 'सौदागर'

काश कि तुमने हमे आवाज दी होती तो हम मौत की नींद से भी उठकर चले आते. फिल्म 'सौदागर'

हमारी जुबान भी हमारी गोली की तरह है. दुश्मन से सीधी बात करती है. फिल्म 'तिरंगा'

हम आंखो से सुरमा नहीं चुराते. हम आंखें ही चुरा लेते हैं. फिल्म 'तिरंगा'

हम तुम्हें वह मौत देंगे जो न तो किसी कानून की किताब में लिखी होगी और न ही किसी मुजरिम ने सोची होगी. फिल्म 'तिरंगा'दादा तो इस दुनिया में दो ही हैं.

एक ऊपर वाला और दूसरा मैं. फिल्म 'मरते दम तक'

 हम कुत्तों से बात नहीं करते. 'मरते दम तक'

बाजार के किसी सड़क छाप दर्जी को बुलाकर उसे अपने कफन का नाप दे दो. 'मरते दम तक'

हम तुम्हें ऐसी मौत मारेंगे कि तुम्हारी आने वाली नस्लों की नींद भी उस मौत को सोचकर उड़ जाएगी. फिल्म 'मरते दम तक'.

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