लगता है कि बौलीवुड और टीवी इंडस्ट्री में कहानियों और अच्छे लेखकों का वास्तव में अकाल पड़ गया है. तभी तो बौलीवुड में पुरानी सफल फिल्मों के रीमेक या उनके सिक्वअल बन रहे हैं. तो दूसरी तरफ अब टीवी इंडस्ट्री से जुड़े निर्माता निर्देशक पुराने सफलतम सीरियलों को पुनः नए ढंग से लेकर आने जा रहे हैं.
फिलहाल खबर यह है कि दूरदर्शन पर नब्बे के दशक में प्रसारित अति लोकप्रिय सीरियल ‘‘चंद्रकांता’’ पर दो सीरियल बन रहे हैं, एक सीरियल ‘‘लाइफ ओ के’’ चैनल पर प्रसारित होगा, तो दूसरा सीरियल ‘‘कलर्स’’ चैनल पर प्रसारित होगा. वहीं दूरदर्शन के ही अति लोकप्रिय सीरियल ‘बुनियाद’ की नए रंग में वापसी दूरदर्शन पर ही होने वाली है.
1986 में दूरदर्शन पर रमेश सिप्पी निर्देशित देश के बंटवारे की पृष्ठभूमि पर आधारित सीरियल ‘‘बुनियाद’’ प्रसारित हुआ था. अब पूरे 30 वर्ष बाद इस सीरियल की वापसी दूरदर्शन पर ‘‘बुनियाद 2’’ के नाम से होगी. जिसे रमेश सिप्पी ही निर्देशित कर रहे हैं. मगर इसकी कहानी वर्तमान समय की होगी.
इस संबंध में प्रसार भारती बोर्ड की कंटेंट कमेटी के चेअरमैन अनूप जलोटा कहते हैं- ‘‘हम दूरदर्शन को चमकाने का प्रयास कर रहे हैं. बहुत जल्द कई बदलाव नजर आएंगे. कई नए कार्यक्रम आएंगे. रमेश सिप्पी निर्देशित सीरियल को हम ‘बुनियाद 2’ के नाम से लेकर आ रहे हैं. जिसमें आजकल के जमाने की कहानी होगी. पूरी नई कहानी होगी.’’
जबकि दूरदर्शन पर मशहूर उपन्यास ‘‘चंद्रकांता संतति’’ पर आधरित सीरियल ‘‘चंद्रकांता’’ प्रसारित हुआ था. इसी उपन्यास पर आधारित सीरियल ‘‘चंद्रकांता’’ का निर्माण निखिल सिन्हा कर रहे हैं, जिसका प्रसारण ‘‘लाइफ ओ के’’ चैनल पर होगा. निखिल सिन्हा इससे पहले ‘‘स्टार प्लस’’ के लिए ‘‘सिया के राम’’ जैसा सीरियल बना चुके हैं. जबकि इसी उपन्यास पर ‘‘चंद्रकांता’’ नाम से ही नया सीरियल एकता कपूर की कंपनी ‘‘बालाजी टेलीफिल्मस’’ कर रही है. यानी कि एक बार फिर एक ही विषय पर दो सीरियल दो प्रतिद्वंदी चैनलों पर प्रसरित होंगे. जिसके चलते चैनल की प्रतिद्वंदिता साफ नजर आ रही है.
आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें
डिजिटल

सरिता सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- सरिता मैगजीन का सारा कंटेंट
- देश विदेश के राजनैतिक मुद्दे
- 7000 से ज्यादा कहानियां
- समाजिक समस्याओं पर चोट करते लेख
डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

सरिता सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- सरिता मैगजीन का सारा कंटेंट
- देश विदेश के राजनैतिक मुद्दे
- 7000 से ज्यादा कहानियां
- समाजिक समस्याओं पर चोट करते लेख
- 24 प्रिंट मैगजीन