आजकल सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन यानि कि सेंसर बोर्ड का नाम विवादों में कुछ ज्यादा ही रहता है. फिल्म निर्माता अक्सर अपनी फिल्मों के सर्टिफिकेशन को लेकर सीबीएफसी के चीफ ‘पहलाज निहलानी’ से भिड़े हुए ही नजर आते हैं.
क्या आप ये बात जानते हैं कि अभी तक सेंसर बोर्ड के दफ्तर में सारा काम कागजी होता आया है और अब इन तमाम चिंताओं के बीच अच्छी खबर है कि सीबीएफसी ऑफिस अब डिजिटल होने जा रहा है. इसका फायदा फिल्म निर्माताओं को ये होगा कि फिल्मों को रिलीज करने के लिए उनकी भागदौड़ कम हो जाएगी. अच्छी खबर के साथ एक बुरी खबर ये भी है कि फिल्म निर्माताओं को अब अपनी फिल्मों को रिलीज करने की तारीख के लिए अब सेंसर बोर्ड का मुंह ताकना पड़ेगा.
खबरों के मुताबिक अगले आने वाले दो हफ्ते में सारी ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. इस बात पर निहलानी कहते हैं कि ऑनलाइन सर्टिफिकेशन की प्रक्रिया शुरू करने के लिए उन्हें काफी मेहनत करनी पड़ी है और इसका सबसे बड़ा फायदा होगा कि निर्माताओं को अब सीबीएफसी के दफ्तर में अपनी फिल्म की डीवीडी जमा नहीं करवानी होगी. सारी प्रक्रियाएं ऑनलाइन ही हो जाएंगी. यह ऑनलाइन प्रक्रिया हिंदी फिल्मों के साथ अन्य सभी क्षेत्रीय भाषाओं की फिल्मों पर भी लागू होगी.
यहां हम आपको बताना चाहते हैं कि ऑनलाइन हुई इस प्रक्रिया की सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि अब फिल्म निर्माता, उनकी फिल्म का सेंसर सर्टिफिकेट जारी होने से पहले रिलीज होने की तारीख का एलान नहीं कर सकते.
आजकल फिल्ममेकर्स फिल्मों की शूटिंग शुरू होने से पहले ही इसकी रिलीज डेट एनाउंस कर देते हैं. अब ऐसे में फिल्में इस फैसले से कितना प्रभावित होंगी, ये बात विचारणीय है. हालांकि सीबीएफसी प्रमुख ने कहा कि निर्माता फिल्म बनने के शुरुआती दौर में अपनी फिल्म रिलीज करने की तारीख चुनने के लिए आजाद होंगे और वे इसका एलान भी कर सकते हैं, लेकिन फिल्म की शूटिंग खत्म होने के बाद और रिलीज की तारीख नजदीक आते ही वे सेंसर सर्टिफिकेट हासिल किए बिना विज्ञापनों में किसी तारीख का उल्लेख नहीं कर सकते हैं.
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