कई फिल्मकार व कलाकार सिक्वअल और रीमेक फिल्मों के खिलाफ हैं. फिल्म ‘‘जुड़वा 2’’ के बाद अब एक बार फिर यह बहस जोर पकड़ सकती है कि किसी भी सफल फिल्म का रीमेक नहीं बनना चाहिए. डेविड धवन 1997 की सफल फिल्म ‘जुड़वा’ का रीमेक ‘जुड़वा 2’ लेकर आए हैं. शायद फिल्म के निर्देशक डेविड धवन दर्शकों को बिना दिमाग वाला मानते हैं अथवा वह दर्शकों को संदेश देना चाहते हैं कि वह हास्य फिल्म देखने के लिए अपना दिमाग घर पर रखकर आएं. फिल्म ‘‘जुड़वा 2’’ को लोग महज वरुण धवन की वजह से ही देखना चाहेंगे. कम से कम ‘आंखें’’ या ‘राजा बाबू’ जैसी फिल्मों के फिल्मकार डेविड धवन से इस तरह की फिल्म की उम्मीद तो नहीं की जा सकती.

विदेश से मुंबई आ रहे तस्कर चार्ल्स (जाकिर) हवाई जहाज में बैठे बैठे मुंबई के व्यवसायी मल्होत्रा (सचिन खेड़ेकर) के साथ दोस्ती कर लेता है और अपने पास छिपाए हुए हीरे बड़ी चालाकी से मल्होत्रा की बैग में डाल देता है. एअरपोर्ट पर बाहर निकलते समय कस्टम आफिसर चार्ल्स को पूछताछ के लिए रोकते हैं, जबकि मल्होत्रा आराम से बाहर आ जाते हैं. मल्होत्रा सीधे अस्पताल पहुंचते है, जहां उनकी पत्नी अंकिता ने जुड़वा बेटों को जन्म दिया है. डाक्टर बताता है कि एक कमजोर तो दूसरा ताकतवर है. जब यह दोनों नजदीक होंगे, तो दोनों एक ही तरह से प्रतिक्रिया देंगे. तभी अपना तस्करी का सामान लेने के लिए चार्ल्स अस्पताल पहुंचता है, पर तब तक मल्होत्रा ने कस्टम आफिसर और पुलिस को बुला रखा था.

खुद को बचाने के लिए चार्ल्स, मल्होत्रा के एक नवजात बच्चे को लेकर भागता है. उससे वह बच्चा रेलवे ट्रैक पर गिर जाता है. इस बच्चे को काशीबाई नामक महिला पाती है और वही उसे राजा (वरुण धवन) नाम देकर पालती है. इधर चार्ल्स को 22 साल की जेल हो जाती है. चार्ल्स की धमकी के चलते मल्होत्रा पूरे परिवार के साथ लंदन चले जाते हैं और अपने बचे हुए बेटे को प्रेम (वरुण धवन) नाम देते हैं.

यानी कि मुंबई में पल रहे राजा और लंदन में पल रहे प्रेम जुड़वा भाई हैं. कुछ समय बाद चार्ल्स के बेटे एलक्स से झगड़ा होने पर राजा भी अपने दोस्त नंदू (राजपाल यादव) के साथ जाली पासपोर्ट की मदद से लंदन पहुंच जाता है, जहां पुलिस अफसर संधू (पवन मल्होत्रा) उसकी खोज में है. यहां पर राजा को पिज्जा डिलीवरी करने का काम मिल जाता है. लंदन में राजा की जिंदगी में अलिस्का शेख (जैकलीन फर्नांडिस) आ जाती है. जबकि अलिस्का के पिता (अनुपम खेर) अपनी बेटी की शादी विक्रम मल्होत्रा के बेटे प्रेम से करना चाहते हैं.

उधर प्रेम को अपने साथ कालेज में पढ़ने वाली लड़की समारा (तापसी पन्नू) से प्यार हो गया है. पर अलिस्का से कभी प्रेम तो कभी राजा और समारा से कभी राजा और प्रेम मिलते हैं. परिणामतः गलतफहमी पैदा होती रहती है. इधर राजा जब किसी को पीटता है, तो डरपोक प्रेम भी किसी को पीट देता है. कई तरह की गलत फहमियों के बीच एक दिन राजा और प्रेम आमने सामने आ जाते हैं. फिर दोनों मिलकर अलिस्का और समारा की गलतफहमी को दूर करते हैं. चार्ल्स जेल से छूटकर लंदन पहुंचता है और विक्रम मल्होत्रा को धमकी देता है.

एक दिन चार्ल्स, विक्रम मल्होत्रा को मारने का प्रयास करता है, पर मल्होत्रा को बचाकर राजा अस्पताल पहुंचा देता है. वहीं पता चलता है कि एलेक्स भी उसी अस्पताल में है. कुछ दिन में एलेक्स को होश आता है. एलेक्स, राजा को पीटते हुए अपने पिता चार्ल्स के पास लेकर पहुंचता है. जहां चार्ल्स उससे कहता है कि वह मल्होत्रा को लेकर आए और अपने दोस्त नंदू को ले जाए. राजा, मल्होत्रा के घर पहुंचता है, जहां प्रेम मिलता है. फिर यह राज खुलता है कि राजा और प्रेम जुड़वा हैं. उसके बाद मारधाड़ होती है. चार्ल्स व एलेक्स मारे जाते हैं. राजा और प्रेम को उनकी प्रेमिकाएं मिल जाती हैं.

जहां तक अभिनय का सवाल है, तो वरुण धवन एक बार फिर खुद को बेहतरीन अभिनेता साबित करने में सफल हुए हैं. वरुण धवन के प्रशंसक निराश नहीं होंगे. वरुण ने 1997 की फिल्म ‘जुड़वा’ में सलमान खान के अभिनय के साथ कदम ताल मिलाकर उन्हे ट्रिब्यूट देने का सफल प्रयास किया है. फिल्म पूरी तरह से वरुण धवन की फिल्म है. जैकलीन फर्नांडिस ने ठीक ठाक अभिनय किया है. मगर इस फिल्म में तापसी पन्नू निराश करती हैं. उन्हे हास्य भूमिकाओं में खुद को सफल बनाने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ेगी.

फिल्म की शुरुआत ठीक ठाक है. लेकिन इंटरवल के बाद फिल्म बिखर जाती हैं. फिल्म में विलेन का होना या ना होना कोई मायने नहीं रखता. हास्य के नाम पर फूहड़ता परोसी गयी है. घटिया व घिसे पिटे जोक्स का सहारा लेकर लोगों को हंसाने का असफल प्रयास है. फिल्म में इमोशन का घोर अभाव है. महज हास्य पैदा करने के लिए अफ्रीकन के कुछ सीन भी रखे गए हैं, जो कि पैबंद लगाते हैं. फिल्म का क्लायमेक्स अति घटिया है. फिल्म के अंत में जुड़वा सलमान खान के आने से फिल्म के स्तर में बढ़ोतरी होने की बजाय पतन ही होता है. इसके लिए लेखक व निर्देशक पूरी तरह से जिम्मेदार हैं.

फिल्म का गीत संगीत साधारण है. ‘ऊंची है बिल्डिंग’ और ‘तन तना तन’ गाने जरुर आकर्षित करते हैं. दो घंटे 40 मिनट की अवधि वाली फिल्म ‘‘जुड़वा 2’’ का निर्माण नाड़ियादवाला ग्रैंड संस इंटरटनमेंट के बैनर तले साजिद नाड़ियादवाला ने किया है. फिल्म के निर्देशक डेविड धवन, पटकथा लेखक युनुस सजावल, संवाद लेखक साजिद फरहाद, कैमरामैन अयंका बोस, संगीतकार अनू मलिक तथा कलाकार हैं-वरुण धवन, जैकलीन फर्नाडिस, तापसी पन्नू, सचिन खेड़ेकर, पवन मल्होत्रा, अनुपम खेर, उपासना सिंह, अली असगर, विवान भटेना, विकास वर्मा व अन्य.

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