‘परिणीता’ फिल्म से अपने फिल्मी कैरियर की शुरुआत करने वाली साधारण नैननक्श मगर अभिनय प्रतिभा से भरी विद्या बालन ने अपनी खास पहचान बनाई है. रेखा और स्मिता पाटिल के नक्शेकदम पर चलते हुए विद्या ने ‘कहानी’ जैसी कई फिल्मों में अपनी ऐक्ंिटग का लोहा मनवाया है. इस के साथ ही फिल्म ‘डर्टी पिक्चर’ में ग्लैमर से भरपूर रोल अदा कर ‘ऊ लाला ऊ लाला...’ गाने पर थिरक अपनी बनीबनाई इमेज को झटके में बदल भी दिया. उन्होंने बारबार यह साबित किया है कि वे हर किरदार में ढल सकती हैं. पिछले दिनों सफाई मुहिम में हिस्सा लेने पटना पहुंचीं विद्या ने बातचीत के दौरान बताया कि गांवों में अब उन की पहचान उस दीदी के रूप में कायम हो गई है जो सफाई और शौचालय की बात करती है. उन का कहना है कि हर घर में शौचालय होना चाहिए. एक ओर औरतों को घर की इज्जत कहा जाता है जबकि उन्हें खुले में शौच जाने को मजबूर किया जाता है. कोई अपने घर की इज्जत के साथ ऐसा रवैया अपनाता है क्या? शौचालय घर की इज्जत को घर में रखने के साथ स्वास्थ्य और साफसफाई के लिए भी काफी जरूरी है.
सामाजिक कामों में उन की कैसे और कब दिलचस्पी जगी, इस बाबत विद्या बताती हैं, ‘‘समाज में रहना है तो समाज के बारे में सोचना होगा. हर किसी को समाज को कुछ देने के बारे में सोचना व करना पड़ेगा. इच्छा होती थी किसी सामाजिक मुहिम से जुड़ने की, लेकिन सही मौका नहीं मिल रहा था. सैनिटेशन के विज्ञापन से जुड़ने के बाद इस समस्या को करीब से देखने और समझने का अवसर मिला.’’
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