पार्श्वगायिका तुलसी कुमार भले ही बौलीवुड के जानेमाने घराने से ताल्लुक रखती हों पर इस मुकाम तक पहुंचने के लिए उन्होंने न सिर्फ कड़ा संघर्ष किया बल्कि अपने पिता गुलशन कुमार के सपनों को साकार भी कर दिखाया.

म्यूजिक कैसेट के माध्यम से संगीत को आम लोगों तक पहुंचाने की मुहिम चला कर ‘टी सीरीज’ को एक खास मुकाम पर पहुंचाने वाले गुलशन कुमार का सपना था कि उन की बेटी तुलसी कुमार गायन में नाम कमाए. पिता के सपनों को पूरा करने के लिए ही तुलसी ने सुरेश वाडेकर से संगीत की तालीम लेनी शुरू कर दी थी. आज तुलसी कुमार को इस बात की खुशी है कि उन्होंने अपने पिता के सपनों को साकार कर दिया है. इन दिनों वे फिल्म ‘आशिकी 2’ में 2 गीतों  ‘हम मर जाएंगे...’ और ‘पिया आए न...’ को ले कर चर्चा में हैं.

अपने कैरियर को किस तरह से देखती हैं?

मु?ो लगता है कि मेरा कैरियर सही दिशा की ओर अग्रसर है. इस की मुख्य वजह यह है कि मैं बहुत ही चुनिंदा काम कर रही हूं. श्रोताओं को जिस तरह के गाने पसंद आ रहे हैं उसी तरह के अर्थपूर्ण और कर्णप्रिय गीतों को गाने की कोशिश कर रही हूं. मैं ने ज्यादातर रोमांटिक गीत ही गाए हैं जिन्हें लोगों ने बहुत सराहा है.

टी सीरीज आप के घर की संगीत कंपनी है. इस के बावजूद पार्श्वगायन के क्षेत्र में आप को अपेक्षित सफलता नहीं मिली?

मु?ा में और दूसरे गायकों में बहुत बड़ा फर्क है. मु?ो खुद की मार्केटिंग करनी नहीं आती. मैं सिर्फ अपने काम पर ध्यान देती हूं. मैं नहीं चाहती कि लोग कहें कि सिर्फ टी सीरीज के कारण तुलसी कुमार गायिका बन गई. दूसरे गायकों की तरह मैं न तो स्टेज शो करती हूं और न ही रिऐलिटी शो में हिस्सा लेती हूं.

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