अपने जमाने की मशहूर अदाकारा शर्मिला टैगोर और उन की अभिनेत्री बेटी सोहा अली खान दोनों का बौलीवुड में अपना मुकाम है. मांबेटी की यह जोड़ी काफी हद तक साथसाथ रहती है. हाल ही में सिने नगरी मुंबई में एक कंपनी की मुहिम में यह जोड़ी एकसाथ दिखी. मुहिम का उद्देश्य था लड़कियों की शिक्षा पूरी करवाना. शर्मिला व सोहा दोनों इस मुहिम की ऐंबैसेडर बनी हैं. उसी दौरान उन दोनों से बातचीत की. पेश हैं अंश :

आप दोनों की नजर में जीवन में अम्मा का क्या महत्त्व है?

सोहा : शिक्षा से जुड़े हर विषय पर मुझे केवल अम्मा का ही नहीं, पिता का भी बहुत सहयोग मिला है. यही वजह है कि मैं ने अच्छी शिक्षा पाई. मुझे कभी भी मेरे भाई सैफ से अलग नहीं समझा गया. हम तीनों भाईबहन के लिए शिक्षा सब से ऊपर रही है. मेरी अम्मा एक शिक्षित परिवार से हैं. वे हमेशा शिक्षा के मूल्य को जानती हैं. सभी अपनी अम्मा से ही जीवन के सारे मूल्यों को सीखते हैं. जब अम्मा शूटिंग पर जाती थीं तो भी किसी समस्या के समाधान के लिए मैं हमेशा उन्हें फोन करती थी.

शर्मिला : हम 3 बहनें थीं. हमारा कोई भाई नहीं था. मेरे पिता हमेशा कहा करते थे कि मुझे लड़के की जरूरत ही नहीं है. मैं अपनी लड़कियों के साथ खुश हूं. शादी के बाद मुझे नौर्थ इंडिया में जा कर लगा कि पुरुष अधिक महत्त्व रखते हैं. बंगाल में हमें कभी ऐसा अनुभव नहीं हुआ था. अम्मा से ही बच्चे अधिक जुड़े होते हैं क्योंकि अम्मा परिवार से जुड़ी होती है. अम्मा ही आप की परवरिश पर पूरा ध्यान रखती है. पुरुष घर खरीदने, कमाने आदि पर अधिक ध्यान देते हैं. मैं भी अपनी अम्मा से अधिक क्लोज थी.

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