बौलीवुड के मशहूर संगीतकार स्व.मानस मुखर्जी के बेटे व बौलीवुड गायक शान किसी परिचय के मोहताज नही है. मूलतः बंगाली होते हुए भी वह हिंदी, उर्दू, पंजाबी,बंगला,तमिल,मराठी व गुजराती सहित ग्यारह भा-नवजयााओं में गाते आ रहे हैं. शान ऐसे गायक हैं, जो कि सामाजिक मुद्दो पर ‘यूनेस्को’ के लिए भी गीत गा चुके हैं. शान महज गयक ही नहीं बल्कि टीवी शो प्रजेंटर और टीवी के रियालिटी शो के जज तथा प्रतिस्पर्धियों के मेंटर भी रहे हैं.

इन दिनों वह फिल्म ‘‘छिपकली’’ के अपने द्वारा स्वरबद्ध गीत ‘‘मैं जिंदा हूं’’ को लेकर सूर्खियां बटोर रहे हैं.

प्रस्तुत है गायक, संगीतकार व टीवी शो के जज शान से एक्सक्लूसिव बातचीत के अंश..

shaan

आप बहुमुखी प्रतिभा वाले गायक, संगीतकार,गीतकार हैं.आपने अभिनय भी किया. कई टीवी कार्यक्रमों का संचालन किया. कई टीवी रियालिटी शो के जज भी रहे. यदि आप अपने पूरे कैरियर पर निगाह डालते हैं, तो क्या पाते हैं?

सच कहूं तो मैं कोई बहुत बड़े सपने देखते हुए बौलीवुड से नही जुड़ा था.मैं आज भी ज्यादा सपने नहीं देखता.मैने कभी नहीं सोचा था कि मुझे इतना कुछ काम करने का अवसर मिलेगा. लेकिन मुझे जितना कुछ मिला है, उसके लिए मैं ईश्वर का आभारी हूं. मेरी अब तक की इस सफल यात्रा में कई लोगों का बेहतरीन साथ और प्यार मिला है. लोगों ने अच्छे समय में तो साथ दिया ही, पर जब समय ज्यादा अच्छा नहीं चल रहा था, उस वक्त भी मुझे याद रखा. यह बात एक कलाकार के लिए बहुत मायने रखती है. हमने यहां देखा है कि जब एक कलाकार अपने कैरियर की बुलंदियों पर होता है, तब लोग उसके पीछे भागते हैं मगर जैसे ही उसके कैरियर में गिरावट आती है, तो लोग तुरंत उससे दूरी बना लेते हैं. मुझे लोग हमेश याद करते रहे, इसके लिए मैं खुद को सौभाग्यशली मानता हूं. लोगों ने हमेश मुझे बुलाकर काम दिया. मैं हर दूसरे दिन कुछ न कुछ अच्छा काम कर रहा हूं. शायद पिछले जन्म के कुछ अच्छे कर्म रहे होंगे.

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