‘हंसी तो फंसी’ एक रोमांटिक कौमेडी फिल्म है, जिसे देख कर आप कुछकुछ हंसेंगे, कहींकहीं पर खीझेंगे पर फंसेंगे नहीं. फिल्म के टाइटल से लगता है, यह हीरोइन को पटाने वाली फिल्म होगी. हीरो हीरोइन को पटा लेगा और फिर मौज करेगा. लेकिन ऐसा नहीं है. फिल्म करन जौहर ने बनाई है, इसलिए उस ने आजकल फिल्मों में युवाओं द्वारा दिखाई जा रही ओछी हरकतों से बचते हुए युवाओं की बदली सोच को दिखाया है. लगभग पूरी फिल्म में शादी का माहौल दिखाया गया है. शादी के माहौल में गुजराती और पंजाबी कल्चर का मेल दिखाने की कोशिश निर्देशक ने की है. निर्देशक चाहता तो उस शादी के माहौल के बीच हीरोहीरोइन के बीच छेड़छाड़, लव सीन डाल सकता था लेकिन उस ने ऐसा न कर हंसी का माहौल बनाए रखा है.
बौलीवुड फिल्मों का एक घिसापिटा फार्मूला है जिस में 2 हीरोइनें और 1 हीरो होता है. मध्यांतर से पहले हीरो एक हीरोइन से प्यार करता है, मगर मध्यांतर के बाद वह उसे छोड़ कर दूसरी से इश्क करने बैठता है. ‘हंसी तो फंसी’ में भी 2 हीरोइनें हैं, मगर निर्देशक ने हीरो को दोनों हीरोइनों से फुल इश्क करने की छूट नहीं दी है. उस ने इस फार्मूले को नए तरीके से अपनी फिल्म में आजमाया है.
इस फिल्म में 2 हीरोइनें हैं परिणीति चोपड़ा और अदा शर्मा. पूरी फिल्म परिणीति चोपड़ा के किरदार के आसपास घूमती है. फिल्म का टेस्ट आप को परिणीति की पिछली फिल्म ‘शुद्ध देसी रोमांस’ जैसा दिखेगा.
फिल्म की कहानी कुछ हद तक दर्शकों को बांधे रखती है. कहानी निखिल (सिद्धार्थ मल्होत्रा) और करिश्मा (अदा शर्मा) की है. दोनों में पिछले 7 सालों से अफेयर है. निखिल अपने कैरियर में कन्फ्यूज्ड रहता है. इसलिए 7 सालों के दौरान निखिल और करिश्मा के बीच कई बार बे्रकअप हो चुका है. इस बार दोनों की शादी की तैयारियां होती हैं. शादी से पहले करिश्मा निखिल के सामने 5 करोड़ रुपए कमाने की शर्त रखती है जिसे वह मान लेता है.
शादी से पहले इन दोनों के घर मेहमान आ चुके हैं. शादी से पहले के फंक्शन भी स्टार्ट हो चुके हैं. इस बीच एक दिन करिश्मा की बहन मीता (परिणीति चोपड़ा) जब अपने घर पहुंचती है तो हलचल मच जाती है. दरअसल, मीता 7 साल पहले घर से मोटी रकम चुरा कर चीन भाग गई थी ताकि वहां वह अपना प्रोजैक्ट शुरू कर सके. मीता कुछ दवाएं लेने की आदी है. इन दवाओं के बिना वह कुछ नहीं कर सकती. करिश्मा निखिल से मीता के कहीं रहने का इंतजाम करने को कहती है. मीता जबजब अपने घर में जाती है वहां का माहौल डिस्टर्ब हो जाता है. इसी शादी के माहौल में मीता और निखिल के बीच नजदीकियां बढ़ती हैं. ठीक शादी वाले दिन निखिल का माइंड चेंज हो जाता है. वह करिश्मा से शादी का इरादा छोड़ कर मंडप से भाग खड़ा होता है और भाग कर मीता का हाथ थाम लेता है.
फिल्म का क्लाइमैक्स ठीक उसी तरह का है जैसा ‘शुद्ध देसी रोमांस’ का था. निर्देशक इस छोटी सी कहानी को खींचने और रोचक बनाने में सफल रहा है. कहानी का फर्स्ट हाफ कुछ कंफर्टेबल नहीं लगेगा, मगर सैकंड हाफ दिलचस्प है. कुछ सीन दर्शकों को हंसाहंसा कर लोटपोट कर देते हैं.
पूरी फिल्म में परिणीति चोपड़ा का लुक टौमबौय जैसा है. उस ने अपने दमदार अभिनय से दर्शकों को अचंभित सा किया है. सिद्धार्थ मल्होत्रा इस से पहले करन जौहर की ही फिल्म ‘स्टुडैंट औफ द ईयर’ में अपनी परफौर्मेंस दिखा चुका है. इस फिल्म में उस की कैमिस्ट्री परिणीति चोपड़ा के साथ खूब जमी है. अदा शर्मा सुंदर लगी है परंतु उसे ज्यादा फुटेज नहीं मिली है.
फिल्म का संगीत इस की विशेषता है. शादी के मौकों पर गाए जाने वाले पंजाबी गानों ने फिल्म में धूम मचाई है. फिल्म का छायांकन अच्छा है.